
| विवरण | जानकारी |
|---|---|
| पूरा नाम | कामिनी कौशल (Kamini Kaushal) |
| जन्म | 24 फरवरी 1927, लाहौर (अब पाकिस्तान) |
| निधन | 13 नवंबर 2025 (आयु: 98 वर्ष), मुंबई |
| पेशा | अभिनेत्री, हिंदी सिनेमा की दिग्गज |
| पहली फिल्म | नीचा नगर (1946) – कांस में पाल्म डी’ओर विजेता |
| अंतिम फिल्म | लाल सिंह चड्ढा (2022) |
| डेब्यू फिल्म | नीचा नगर (1946) – कांस फिल्म फेस्टिवल में पाल्म डी’ओर विजेता |
| करियर अवधि | 7 दशक+ (1946–2022) |
| प्रमुख सह-कलाकार | दिलीप कुमार, राज कपूर, देव आनंद |
| अंतिम फिल्में | कबीर सिंह (2019), लाल सिंह चड्ढा (2022) |
| परिवार | तीन पुत्र (राहुल, विदुर, श्रवण); अत्यंत निजी, गोपनीयता की अपील |
| अनुमानित नेट वर्थ | $5 मिलियन (2025 तक), फिल्मों, टीवी और एंडोर्समेंट से अर्जित |
Kamini Kaushal Early Life: प्रारंभिक जीवन और डेब्यू
कामिनी कौशल (जन्म नाम: उमा कश्यप) का जन्म 24 फरवरी 1927 को लाहौर में एक शिक्षित परिवार में हुआ था। वे पंजाब विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शिव राम कश्यप की सबसे छोटी संतान थीं। उन्होंने लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज से इंग्लिश लिटरेचर में बीए (ऑनर्स) किया। 1947 के विभाजन के बाद मुंबई आ गईं। 1948 में अपनी बहन की मृत्यु के बाद, उन्होंने बहनोई बी.एस. सूद से विवाह किया और तीन पुत्रों—राहुल, विदुर व श्रवण—को जन्म दिया।

| जन्म | 24 फरवरी 1927 |
| पिता | शिव राम कश्यप |
| पति | बी.एस. सूद |
| संतान | तीन पुत्र-राहुल, विदुर व श्रवण |
| शिक्षा | इंग्लिश लिटरेचर में बीए (ऑनर्स), लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज |

पहली फिल्म: ‘नीचा नगर’ (1946) – भारत की एकमात्र पाल्म डी’ओर विजेता फिल्म।
अंतिम फिल्म: ‘लाल सिंह चड्ढा’ (2022) – आमिर खान के साथ।
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स्वर्णिम करियर: ब्लैक एंड व्हाइट से रंगीन सिनेमा तक
कामिनी कौशल ने 7 दशकों तक हिंदी सिनेमा में योगदान दिया। शुरुआती दौर में दिलीप कुमार और राज कपूर जैसे दिग्गजों के साथ काम किया। उनकी नरम बोली, सुंदरता और अभिनय कौशल ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में शुमार किया। वे फिल्मफेयर मैगजीन की पहली कवर गर्ल भी थीं। अपने प्राइम टाइम में वे उद्योग की सर्वाधिक भुगतान प्राप्त महिला अभिनेत्रियों में से एक थीं। अभिनेता धर्मेंद्र के साथ काम करने वाली वो पहली अभिनेत्री थीं।
प्रमुख फिल्में (1947–1963):
- दो भाई (1947)
- शहीद (1948)
- नदिया के पार (1948)
- जिद्दी (1948)
- शबनम (1949)
- परास (1949)
- अरज़ू (1950)
- गोदान (1963)
नेट वर्थ
| स्रोत | अवधि | अवदान |
|---|---|---|
| फिल्में (लीड और सपोर्टिंग भूमिकाएँ) | 1946–2022 | मुख्य आय स्रोत; प्राइम टाइम में उच्चतम भुगतान प्राप्त अभिनेत्रियों में से एक |
| टीवी सीरियल्स | 1980s–2000s | भाभी, सराभाई वर्सेज सराभाई, यह है मोहब्बतें आदि से अतिरिक्त कमाई |
| एंडोर्समेंट और विज्ञापन | पूरे करियर | ब्रांड प्रमोशन से प्राप्त रॉयल्टी और फीस |
| अन्य (लाइफटाइम अचीवमेंट्स) | 2015+ | पुरस्कारों और सम्मानों से जुड़ी आय |
| कुल अनुमानित | 2025 तक | $5 मिलियन (फिल्मी विरासत और निवेशों से) |
1963 के बाद चरित्र भूमिकाओं में सक्रिय रहीं और ‘शहीद’ (1965) में सराहनीय प्रदर्शन किया।
बाद के वर्षों में सक्रियता
- दो रास्ते (1969)
- प्रेम नगर (1974)
- महा चोर (1976)
- अनहोनी (1973)
हाल के वर्षों में भी सक्रिय रहीं:
- कबीर सिंह (2019)
- लाल सिंह चड्ढा (2022)
सम्मान और पुरस्कार
| पुरस्कार | वर्ष | विवरण |
|---|---|---|
| कांस फिल्म फेस्टिवल (पाल्म डी’ओर) | 1946 | नीचा नगर के लिए सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार (भारतीय सिनेमा की पहली जीत) |
| मॉन्ट्रियल फिल्म फेस्टिवल अवॉर्ड | 1946 | नीचा नगर में अभिनय के लिए |
| फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड | 1955 | बिरज बहू (1954) के लिए |
| फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड | 2015 | 60वें फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में जया बच्चन से प्राप्त |
| स्क्रीन अवॉर्ड फॉर बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस | 2019 | कबीर सिंह के लिए |
| फिल्मफेयर अवॉर्ड फॉर बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस (नॉमिनेशन) | 2019 | कबीर सिंह के लिए |
| कल्पना चावला अवॉर्ड | 2014 | उनके योगदान के लिए |
| बीबीसी 100 वुमन लिस्ट | – | प्रभावशाली महिलाओं में शामिल |
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व्यक्तित्व और दर्शन
एक साक्षात्कार में कामिनी कौशल ने कहा था:
“मैं कभी अपनी परफॉर्मेंस देखकर अभिभूत नहीं हुई। मैं हमेशा आलोचनात्मक नजर से देखती हूँ। क्या मैं वह संदेश दे पाई जो देना चाहती थी?”
वे निर्देशक को पहला दर्शक मानती थीं और बिमल रॉय जैसे दिग्गजों के साथ बिना रिहर्सल के भी बेहतरीन शॉट देती थीं।
निधन और परिवार की अपील

13 नवंबर 2025 की रात मुंबई स्थित घर में 98 वर्ष की आयु में निधन। फरवरी 2026 में वे 99 वर्ष की होतीं।
पत्रकार विक्की लालवानी ने इंस्टाग्राम पर खबर साझा की। परिवार के करीबी साजन नारायण ने बताया:
“परिवार अत्यंत निजी है और गोपनीयता की अपील करता है।”
विरासत
कामिनी कौशल ने सौम्यता, गरिमा और अभिनय कला का ऐसा उदाहरण पेश किया जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा। हिंदी सिनेमा की पहली सुपरस्टार अभिनेत्रियों में से एक, जिन्होंने कांस से लेकर कबीर सिंह तक का सफर तय किया।
स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया एंटरटेनमेंट डेस्क, 14 नवंबर 2025









