शेख हसीना के परिवार की हत्या: घटना का विवरण 1975| Sheikh Hasina’s Family Murdered

By Santosh Kumar

Published On:

Follow Us

Sheikh Hasina Family Murdered: शेख हसीना (बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री) के परिवार की हत्या 15 अगस्त 1975 को हुई थी। यह बांग्लादेश के इतिहास की सबसे क्रूर घटनाओं में से एक है, जिसे 1975 का बांग्लादेशी तख्तापलट (Bangladeshi Coup d’état) के नाम से जाना जाता है। इस घटना में शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान (बांग्लादेश के संस्थापक राष्ट्रपति, जिन्हें ‘बंगबंधु’ कहा जाता है) सहित उनके अधिकांश परिवार के सदस्यों की निर्मम हत्या कर दी गई। आइए, इसकी पूरी पृष्ठभूमि, तरीका और परिणाम को संक्षेप में समझते हैं:

Sheikh Hasina Family Murdered

घटना की पृष्ठभूमि

  • शेख मुजीबुर रहमान बांग्लादेश की स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे। 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के बाद वे देश के पहले राष्ट्रपति बने।
  • 1975 में देश में आर्थिक संकट, भ्रष्टाचार के आरोप और राजनीतिक अस्थिरता बढ़ रही थी। इससे सेना के कुछ असंतुष्ट मध्य-स्तरीय अधिकारियों (जैसे मेजर डालिम, मेजर नूर, मेजर शरीफुल हक आदि) में विद्रोह की भावना पैदा हो गई।
  • इन अधिकारियों ने सैन्य तख्तापलट की योजना बनाई, जिसका मुख्य लक्ष्य मुजीब सरकार को उखाड़ फेंकना था।

हत्या कैसे हुई? (तरीका)

  • तारीख और समय: 15 अगस्त 1975 की सुबह करीब 5 बजे (भोर के समय)।
  • स्थान: ढाका के धानमंडी इलाके में शेख मुजीबुर रहमान का आधिकारिक निवास (राष्ट्रपति भवन)।
  • हमलावर: एक साजिश रची गई सैन्य टुकड़ी (लगभग 200 सैनिकों का समूह), जो टैंक और हथियारों से लैस थी। ये सैनिक राष्ट्रपति भवन पर हमला बोल दिया।
  • क्रूरता का विवरण:
  • सैनिकों ने पहले शेख मुजीबुर रहमान को गोली मार दी। मुजीब ने विरोध किया और कहा, “क्या तुम्हें शर्म नहीं आती? मैं तुम्हारा राष्ट्रपति हूँ।” लेकिन सैनिकों ने उन्हें तुरंत मार डाला।
  • इसके बाद पूरे परिवार पर हमला हुआ। मशीनगन, राइफल और हथगोलों से गोलीबारी की गई। घर में मौजूद लगभग 36-40 लोग मारे गए, जिनमें परिवार के सदस्य, नौकर और रिश्तेदार शामिल थे।
  • हत्या इतनी हिंसक थी कि शवों को बुरी तरह क्षत-विक्षत कर दिया गया। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, सैनिकों ने लाशों को अपमानित भी किया।
  • कुल मृतक: शेख मुजीबुर रहमान, उनकी पत्नी बेगम फजिलतुननेसा मुजीब, तीन बेटे (शेख कमरुज्जमां, शेख जमाल, शेख रसेल), दो बेटियाँ (शेख हसीना के अलावा शेख नुसरत? नहीं, हसीना बच गईं), दामाद और अन्य रिश्तेदार। कुल 18-20 सीधे परिवार के सदस्य मारे गए। 0 1

कौन बचे?

  • शेख हसीना उस समय जर्मनी में अपने पति एम.ए. वाजेद मिया (एक वैज्ञानिक) से मिलने गई हुई थीं। उनकी बहन शेख रेहाना भी उनके साथ थीं।
  • हसीना के पति और बच्चे (साजीब वाजेद जॉय, साइमा वाजेद) भी सुरक्षित थे।
  • हसीना को खबर मिलने पर वे सदमे में चली गईं। वे जर्मनी के बांग्लादेशी राजदूत के घर गईं, फिर भारत आ गईं और इंदिरा गांधी द्वारा राजनीतिक शरण मिली। वे 6 साल तक दिल्ली में निर्वासन में रहीं। 8

परिणाम और बाद की घटनाएँ

  • तख्तापलट के बाद ब्रिगेडियर खुर्शीद उद्दीन ने सत्ता संभाली, लेकिन जल्द ही जिया उर रहमान का सैन्य शासन आ गया।
  • हत्यारों को 1996 में फांसी दी गई (जब हसीना प्रधानमंत्री बनीं)।
  • इस घटना ने शेख हसीना को राजनीति में ला दिया। वे अवामी लीग की अध्यक्ष बनीं और 1996-2001, 2009-2024 तक प्रधानमंत्री रहीं।
  • हाल ही में (नवंबर 2025) हसीना को 2024 के छात्र आंदोलन में “मानवता के विरुद्ध अपराध” के लिए फांसी की सजा सुनाई गई, लेकिन यह उनके परिवार की हत्या से अलग है। 2

यह घटना बांग्लादेश के राजनीतिक इतिहास की सबसे दर्दनाक कड़ी है, जिसने हसीना को “अनाथ नेता” के रूप में मजबूत बनाया। यदि आपको और विस्तार चाहिए, तो बताएं!

यह भी पढ़िए: शेख हसीना जीवनी 2025: बांग्लादेश की ‘आयरन लेडी’ से मौत की सजा तक का सफर | Sheikh Hasina Biography in Hindi

Santosh Kumar

My name is Dr Santosh Kumar Sain and I am a Government Teacher. I am fond of writing and through this blog I will introduce you to the biographies of famous women.

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a Comment

error: Content is protected !!