R. Sreelekha Profile: आर. श्रीलेखा, जिन्हें पुलिस विभाग में ‘रेड श्रीलेखा‘ के नाम से जाना जाता है, एक सेवानिवृत IPS अधिकारी हैं जो अपनी बेबाकी, साहस और महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष के लिए मशहूर हैं। 25 दिसंबर 1960 को थिरुवनंतपुरम, केरल में जन्मीं श्रीलेखा ने 33 साल की शानदार पुलिस सेवा के बाद 2020 में रिटायरमेंट लिया। लेकिन उनकी कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। अक्टूबर 2024 में उन्होंने BJP का दामन थामा और दिसंबर 2025 में थिरुवनंतपुरम नगर निगम चुनावों में BJP की ऐतिहासिक जीत के बाद वह शहर की मेयर पद की प्रमुख दावेदार बन गईं।
BJP ने उन्हें मेयर के रूप में नामित किया है, जो केरल में BJP का पहला ऐसा कदम होगा। अगर ये सच हुआ, तो श्रीलेखा न सिर्फ शहर की पहली नागरिक बनेंगी, बल्कि केरल की पहली BJP मेयर भी। आइये उनके जीवन के प्रमुख तथ्यों के बारे में जानें।

| पूर्ण नाम | आर. श्रीलेखा (R. Sreelekha) |
| जन्म तिथि और स्थान | 25 दिसंबर 1960, थिरुवनंतपुरम, केरल |
| उपनाम | ‘रेड श्रीलेखा’ (तेज रेड्स के लिए प्रसिद्ध) |
| आयु (2025 तक) | 64 वर्ष (15 दिसंबर 2025 को) |
| पेशा | रिटायर्ड IPS अधिकारी, लेखिका, राजनीतिज्ञ (BJP) |
| शिक्षा | BA और MA (इंग्लिश लिटरेचर), वुमेंस कॉलेज, थिरुवनंतपुरम |
| प्रमुख उपलब्धियां | केरल की पहली महिला DGP (2016); CBI में DIG; महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष; 9 किताबें लिखीं |
| राजनीतिक यात्रा | अक्टूबर 2024 में BJP जॉइन; दिसंबर 2025 में थिरुवनंतपुरम मेयर पद की प्रमुख दावेदार |
| परिवार | पति: डॉ. सेथुनाथ (पीडियाट्रिक सर्जन); बेटा: गोकुल (MBA) |
| प्रेरणा | मां बी. राधम्मा; पीएम नरेंद्र मोदी की नेतृत्व शैली |
| मुख्य कीवर्ड | आर श्रीलेखा जीवनी, केरल IPS महिला अधिकारी, थिरुवनंतपुरम मेयर BJP, रेड श्रीलेखा कहानी |
| इंस्टाग्राम | @sreelekha_ips, |
R. Sreelekha Early Life: प्रारंभिक जीवन
श्रीलेखा का जन्म25 दिसंबर 1960 को थिरुवनंतपुरम के एक शिक्षित परिवार में हुआ। उनके पिता प्रोफेसर एन. वेलायुधन नायर एक ख्याति प्राप्त शिक्षाविद् थे, जबकि मां बी. राधम्मा उनका सबसे बड़ा प्रेरणास्रोत रहीं। बचपन से ही श्रीलेखा में जज्बा था – वो हमेशा अन्याय के खिलाफ बोलतीं।
| पिता | एन. वेलायुधन नायर |
| माता | बी. राधम्मा |
| भाई-बहन | जानकारी उपलब्ध नहीं |
R. Sreelekha Age: आयु
| जन्म | 25 दिसंबर 1960 |
| आयु 2025 | 64 साल |
| दिसम्बर 2025 को | 65 साल |
शिक्षा
| प्रारम्भिक शिक्षा | कॉटन हिल गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल, थिरुवनंतपुरम |
| स्नातक/परास्नातक (इंग्लिश लिटरेचर में BA और MA) | वुमेंस कॉलेज, थिरुवनंतपुरम |
| पहली नौकरी | रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया |
| भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) | जनवरी 1987 (केरल कैडर की पहली महिला IPS अधिकारी) |
| सेवानिवृत | 2020 |
करियर

श्रीलेखा का करियर एक रोलरकोस्टर रहा – चुनौतियों से भरा, लेकिन उपलब्धियों से लबालब। पहले 10 साल उन्होंने दोगुनी मेहनत की, पुरुष-प्रधान पुलिस सिस्टम से लड़ते हुए। उन्होंने चेरथला, त्रिशूर, पठानमथिट्टा और अलप्पुझा में डिस्ट्रिक्ट पुलिस चीफ की जिम्मेदारी संभाली। असली सुर्खियां CBI में आईं, जहां चार साल रहीं। इकोनॉमिक ऑफेंसेज के केस हैंडल किए – केरल में SP और दिल्ली में DIG के तौर पर। उनकी तेज रेड्स की वजह से ‘रेड श्रीलेखा’ नाम पड़ा। 2007 में केरल सरकार ने मेरिटोरियस सर्विस अवॉर्ड से सम्मानित किया।
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वो हमेशा महिलाओं के मुद्दों पर मुखर रहीं। पुलिस में महिलाओं की भर्ती बढ़ाने के लिए PSC को लेटर लिखे, ‘ओनली मेल्स कैन अप्लाई’ नियम हटाने की मांग की। उनके प्रयासों से 4% से बढ़कर आज 9% से ज्यादा महिलाएं फोर्स में हैं। हाई-प्रोफाइल केस सॉल्व किए, जैसे 2003 का किलीरूर सेक्स स्कैंडल, जहां नाबालिग लड़कियों का शोषण हो रहा था।
एक विक्टिम के कहने पर उन्होंने आरोपी लता नायर को थप्पड़ मारा – बाद में कहा, “गलत था, लेकिन विवेक ने कहा।” DIG, IG, ADGP रहीं – विजिलेंस, एंटी-करप्शन, क्राइम ब्रांच हेड। 2013 का ऑपरेशन अन्नपूर्णा स्कैम एक्सपोज किया, जहां कंज्यूमरफेड के अफसर घोटाले में लिप्त थे।
फ्लड्स, फायर इमरजेंसीज में लीडरशिप दिखाई – प्रिजन्स, फायर एंड रेस्क्यू सर्विसेज हेड रहीं। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर और रबर मार्केटिंग फेडरेशन भी संभाली। करियर का चरम 2016 में आया, जब केरल की पहली महिला DGP बनीं। 2020 में 33 साल की सर्विस के बाद रिटायर हुईं, बिना फॉर्मल फेयरवेल के। उनकी बेबाकी ने विवाद भी खड़े किए – पुलिस में मिसोजिनी, सेक्शुअल हैरासमेंट पर बोलीं। रिटायरमेंट के बाद 2017 एक्ट्रेस असॉल्ट केस पर सवाल उठाए, एक्टर दिलीप का बचाव किया।
राजनीति में प्रवेश
रिटायरमेंट के बाद श्रीलेखा न्यूट्रल रहीं, लेकिन 2024 में BJP में शामिल हुईं। उन्होंने कहा, “सेवा में निष्पक्ष रही। अब लोगों की सेवा का ये सबसे अच्छा तरीका लगता है।” पीएम मोदी के नेतृत्व से प्रेरित। दिसंबर 2025 के थिरुवनंतपुरम नगर निगम चुनावों में BJP ने 45 साल के लेफ्ट राज को उखाड़ फेंका। श्रीलेखा ने सस्थामंगलम वार्ड से लेफ्ट उम्मीदवार को 700 वोटों से हराया।

BJP ने उन्हें मेयर पद के लिए नामित किया, जो पार्टी का केरल में ऐतिहासिक कदम है। कुछ सर्कल में VV राजेश के नाम की चर्चा हुई, लेकिन श्रीलेखा की लोकप्रियता ने उन्हें आगे बढ़ा दिया। अगर मेयर बनीं, तो शहर की सड़कें उनकी ‘रेड‘ स्टाइल में साफ-सुथरी होंगी!
पति और बच्चे

| पति | डॉ. सेथुनाथ (थिरुवनंतपुरम के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में पीडियाट्रिक सर्जरी के प्रोफेसर ) |
| पुत्र | गोकुल (MBA) |
अन्य जानकारी
श्रीलेखा सिर्फ पुलिसवाली या पॉलिटिशियन नहीं, एक लेखिका भी हैं। उन्होंने नौ किताबें लिखीं, जिसमें डिटेक्टिव नॉवेल ‘मरणदूतन’ (2020 में दोबारा छपी) शामिल है। उनकी किताबें अपराध, समाज और महिलाओं की जिंदगी पर हैं। विवादों से भी घिरी रहीं – पठानमथिट्टा में एक्साइज रेड्स के दौरान थ्रेट्स मिले, सीनियर्स से ताने सुने। लेकिन वो कभी पीछे नहीं हटीं।
आजकल वो सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं, जहां महिलाओं को सशक्त बनाने की बात करतीं। अगर मेयर बनीं, तो थिरुवनंतपुरम बदलाव की नई मिसाल बनेगा। श्रीलेखा की कहानी बताती है – सपने देखो, मेहनत करो, और सिस्टम को चुनौती दो।








