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एकादशी कब है 2025: तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि | Ekadashi Vrat Kab Hai

By Preeti Singh

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हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान विष्णु की आराधना करने के लिए किया जाता है और हर महीने दो बार आती है। वर्ष 2025 में भी एकादशी व्रत का का शुभ मुहूर्त आ रहा है। यदि आप जानना चाहते हैं कि Ekadashi Vrat Kab Hai (एकादशी कब है 2025) में, तो यह लेख आपके लिए है। इस लेख में हम आपको एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त, इसके महत्व और पूजा विधि के बारे में विस्तार से बताएंगे।

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Ekadashi Vrat Kya Hai: एकादशी क्या है?

एकादशी हिंदू सनातन पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने की 11वीं तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत भगवान विष्णु की पूजा और आराधना के लिए रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। एकादशी व्रत को करने वाले मनुष्य के पापों का अंत होता है और उसे मोक्ष मिलता है।

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह व्रत न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक बल्कि शारीरिक लाभ भी प्रदान करता है। इस व्रत को रखने से मनुष्य के मन और शरीर की शुद्धि होती है। साथ ही, यह व्रत व्यक्ति को अनुशासन और संयम प्रदान करता है।

2025 में एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त

2025 में एकादशी व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त निम्नलिखित है:

1. विजया एकादशी:

फाल्गुन माह की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं और यह व्रत 23 फरवरी 2025 को दोपहर 1 बजकर 55 मिनट पर प्रारम्भ होकर 24 फरवरी 2025 को १ बजकर 44 मिनट पर इसका समापन होगा । अतः एकादशी का व्रत 25 फरवरी 2025 रखा जायेगा। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को जीवन में सफलता और विजय प्राप्त होती है।

विजया एकादशी का शुभ मुहूर्त सुबह 6:00 बजे से शुरू होकर अगले दिन सुबह 8:00 बजे तक रहेगा। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने का विशेष महत्व है। इसके आलावा व्रत को हमेशा द्वादशी को ही खोलना चाहिए, इस विधि को पारण कहते हैं। पारण का सही समय 25 फरवरी 2025 को प्रातः 7 बजे से 9 बजे तक रहेगा।

2. अन्य एकादशी तिथियाँ:

2025 में अन्य एकादशी तिथियाँ निम्नलिखित हैं:

पौष पुत्रदा एकादशी10 जनवरी 2025
षटतिला एकादशी24 जनवरी 2025
जया एकादशी8 फरवरी 2025
आमलकी एकादशी:9 मार्च 2025
पापमोचिनी एकादशी23 मार्च 2025

इन तिथियों पर भी व्रत रखने का विशेष महत्व है।

एकादशी व्रत का महत्व

एकादशी व्रत का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। यह व्रत न केवल आध्यात्मिक बल्कि शारीरिक लाभ भी प्रदान करता है। इस व्रत को रखने से मनुष्य के मन और शरीर की शुद्धि होती है। साथ ही, यह व्रत व्यक्ति को अनुशासन और संयम प्रदान करता है।

विजया एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को जीवन में सफलता और विजय प्राप्त होती है। यह व्रत मनुष्य के पापों को नष्ट करता है और उसे मोक्ष की ओर अग्रसर करता है।

एकादशी व्रत के लाभ:

आध्यात्मिक शुद्धिएकादशी व्रत रखने से मनुष्य के पापों का नाश होता है और उसे आध्यात्मिक शुद्धि मिलती है।
शारीरिक लाभइस व्रत को रखने से शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद मिलती है।
मानसिक शांतिएकादशी व्रत रखने से मन को शांति मिलती है और तनाव कम होता है।
मोक्ष की प्राप्तियह व्रत मनुष्य को मोक्ष की ओर ले जाता है।

एकादशी व्रत के नियम

एकादशी व्रत रखने के कुछ नियम हैं जिनका पालन करना आवश्यक है। इन नियमों का पालन करने से व्रत का पूरा फल प्राप्त होता है।

भोजन के नियमएकादशी के दिन अनाज और चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
इस दिन सात्विक भोजन करना चाहिए और मांसाहार से दूर रहना चाहिए।
फल, दूध और मेवे का सेवन किया जा सकता है।
पूजा के नियमएकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और उनके मंत्रों का जाप करें।
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है।
भगवान विष्णु को तुलसी दल, फल और फूल अर्पित करें।
व्यवहार के नियमव्रत के दिन झूठ बोलने, क्रोध करने और नकारात्मक विचारों से बचें।
दान और सेवा का कार्य करना चाहिए।

एकादशी व्रत की कथा

एकादशी व्रत की एक पौराणिक कथा है जो इस व्रत के महत्व को बताती है।

विजया एकादशी की कथा:

पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान राम जब रावण के विरुद्ध लंका पर चढ़ाई करने जा रहे थे, तो उन्हें समुद्र पार करने में बहुत कठिनाई हो रही थी। तब ऋषि वशिष्ठ ने भगवान राम को विजया एकादशी का व्रत रखने का उपाय सुझाया था। भगवान राम ने इस व्रत को रखा और समुद्र पार कर लंका पर विजय प्राप्त की।

एकादशी व्रत की पूजा विधि

एकादशी व्रत की पूजा विधि निम्नलिखित है:

सुबह जल्दी उठेंएकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
व्रत का संकल्प लेंभगवान विष्णु की पूजा करके व्रत का संकल्प लें।
पूजा करेंभगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें और उन्हें तुलसी दल, फल और फूल अर्पित करें।
मंत्र जाप करें“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
भजन और कीर्तन करेंभगवान विष्णु के भजन और कीर्तन करें।
दान करेंगरीबों और जरूरतमंदों को दान दें।

निष्कर्ष

2025 में एकादशी व्रत का पालन करने के लिए तिथि और शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना जरूरी है। विजया एकादशी का व्रत 24 फरवरी 2025 को रखा जाएगा। यह व्रत आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है और आपको मोक्ष की ओर ले जाता है।

एकादशी व्रत का पालन करने से आपको आध्यात्मिक, शारीरिक और मानसिक लाभ प्राप्त होते हैं। इस व्रत को रखने के लिए नियमों का पालन करना आवश्यक है।

एकादशी व्रत का पालन करें और अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त करें।

Disclaimer– हम ऊपर दी गई जानकारी की सत्यता की पुष्टि नहीं करते। यह जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर है और पुष्टि करने से पहले धार्मिक विशेषज्ञ की राय लें।

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Preeti Singh

My name is Preeti Singh and I am a housewife. I am fond of writing and through this blog I will introduce you to the biographies of famous women.

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