Holi Festival 2026: होली, जिसे “रंगों का त्योहार” भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक प्रमुख और खुशियों भरा त्योहार है। यह त्योहार प्रति वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। 2026 में होली- Holi Festival 2026, 3 मार्च, मंगलवार को मनाई जाएगी। होली का त्योहार न केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई देशों में उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। इस लेख में हम होली के इतिहास, महत्व, पूजा विधि, और अगले 10 सालों में होली की तारीखों के बारे में जानेंगे।

Holi Festival 2026: होली क्यों मनाई जाती है?
होली मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं और मान्यताएं हैं। सबसे प्रसिद्ध कथा भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद और उनकी बुआ होलिका से जुड़ी है। होलिका को अग्नि में न जलने का वरदान प्राप्त था, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद बच गए और होलिका जलकर भस्म हो गई। इसी घटना की याद में होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन रंगों से होली मनाई जाती है। आगे इस कहानी को विस्तार से दिया गया है। लेख को पढ़ना जारी रखें।
होली कितने देशों में मनाई जाती है?
होली मुख्य रूप से भारत और नेपाल में मनाई जाती है, लेकिन यह त्योहार अब दुनिया के कई देशों में भी लोकप्रिय हो गया है। पाकिस्तान , बंगलादेश, अमेरिका, कनाडा, यूके, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस, फिजी, और सूरीनाम जैसे देशों में भी भारतीय समुदाय द्वारा होली का त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। होली की लोकप्रियता का पता इस बात से चलता है कि विषय के कई देश इस दिन सार्वजानिक अवकाश रखते हैं।
होलिका दहन शुभ मुहूर्त 2025
2026 में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 03 मार्च को होगा। होलिका दहन का समय शाम 05:55 बजे से रात 8:57 बजे तक रहेगा। इस दिन भद्रा का समय सुबह 6:33 बजे से शाम 6:33 बजे तक रहेगा, जिसके कारण होलिका दहन का मुहूर्त शाम 6:33 बजे के बाद ही शुरू होगा।
होली का इतिहास और महत्व
होली का इतिहास हजारों साल पुराना है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होली के दिन लोग पुराने गिले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे को गले लगाते हैं और रंगों से खेलते हैं। यह त्योहार समाज में प्रेम, भाईचारे, और एकता का संदेश देता है। स्वादिष्ट पकवान और मिठाइयां बनाई जाती हैं।
हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद की कहानी
होलिकादहन की कहानी का एक पौराणिक कथा “हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद” की कहानी से भी जुडी है। यह हिंदू पौराणिक कथाओं में एक प्रसिद्ध और प्रेरणादायक कथा है जो होली के त्योहार से जुड़ी हुई है और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। आइए, इस कहानी को विस्तार से जानते हैं।
हिरण्यकश्यप कौन था?
हिरण्यकश्यप एक राक्षस राजा था जो बहुत ही अहंकारी और अत्याचारी था जो स्वयं को भगवान से ऊपर मानता था । उसने भगवान ब्रह्मा की कठोर तपस्या करके अमर होने का एक वरदान प्राप्त किया था। इस वरदान के अनुसार, न तो कोई मनुष्य, न ही कोई जानवर, न दिन में, न रात में, न धरती पर, न आकाश में, और न ही किसी अस्त्र-शस्त्र से उसकी मृत्यु हो सकती थी। इस वरदान के बाद हिरण्यकश्यप और भी अधिक अहंकारी हो गया और उसने स्वयं को भगवान मानने लगा। उसने अपनी प्रजा को भगवान के बजाय उसे पूजने के लिए बाध्य किया।
प्रह्लाद: भगवान विष्णु का भक्त
हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था। प्रह्लाद बचपन से ही भगवान विष्णु की भक्ति में लीन रहता था। उसके पिता हिरण्यकश्यप को यह बिल्कुल पसंद नहीं था। हिरण्यकश्यप चाहता था कि उसका पुत्र उसकी तरह भगवान विष्णु की निंदा करे और उसे ही भगवान माने। लेकिन प्रह्लाद ने अपने पिता की किसी भी बात को नहीं माना और भगवान विष्णु की तपस्या में लीन रहा।

हिरण्यकश्यप के अत्याचार
हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को भगवान विष्णु की भक्ति त्यागने के लिए कई बार डराया और धमकाया। मगर प्रह्लाद अपनी भक्ति से टस से मस नहीं हुआ। जब प्रह्लाद नहीं माना, तो हिरण्यकश्यप ने उसे मारने के लिए कई प्रयास किए। उसने प्रह्लाद को ऊंची चट्टान से फेंकवाया, जहर दिया, हाथियों के नीचे कुचलवाया, और आग में जलाने की कोशिश की। लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद हर बार बच जाता था। हिरणकश्यप से सभी प्रयास विफल रहे मगर उसने एक अंतिम प्रयास किया और उसने इसमें अपनी बहन होलिका की मदद ली।
होलिका का प्रयास
हिरण्यकश्यप की बहन होलिका भी एक राक्षसी महिला थी और उसे भी एक वरदान प्राप्त था कि वह आग में नहीं जल सकती। हिरण्यकश्यप ने होलिका को प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठने का आदेश दिया। होलिका ने ऐसा ही किया, चारों ओर भाले लेकर सैनिक खड़े थे ताकि प्रह्लाद भाग न सके, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद बच गया और होलिका जलकर भस्म हो गई। इस घटना को होलिका दहन के रूप में मनाया जाता है और यह होली के त्योहार का एक महत्वपूर्ण अंग बन गया है।
नरसिंह अवतार: हिरण्यकश्यप का अंत
जब प्रह्लाद को मारने के हिरण्यकश्यप के सभी प्रयास विफल हो गए, तो उसने स्वयं प्रह्लाद को मारने का अंतिम निर्णय लिया। उसने प्रह्लाद से पूछा, “तुम्हारा भगवान कहां है? क्या वह इस खंभे में भी है?” प्रह्लाद ने विश्वासपूर्वक कहा, “हां, वह हर जगह हैं।” यह सुनकर हिरण्यकश्यप और ज्यादा क्रोधित हुआ।
हिरण्यकश्यप ने खंभे को तोड़ने का प्रयास किया। तभी खंभे से भगवान विष्णु नरसिंह अवतार (आधा मनुष्य और आधा शेर) के रूप में सामने आ गए। उन्होंने हिरण्यकश्यप को अपनी गोद में लेकर, संध्या के समय (न दिन न रात), अपने नाखूनों (न अस्त्र न शस्त्र), न धरती पर न आसमान में ( गोद में लेटाकर), से उसका वध कर दिया। इस तरह भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा की और बुराई पर अच्छाई की जीत स्थापित की।

होली कैसे मनाई जाती है?
होली का त्योहार दो दिनों तक मनाया जाता है। पहले दिन होलिका दहन किया जाता है, जिसमें लकड़ी और उपले जलाकर होलिका की आग जलाई जाती है। दूसरे दिन लोग एक-दूसरे पर रंग, गुलाल, और अबीर लगाते हैं। इस दिन पकवानों का भी विशेष महत्व होता है, जैसे गुझिया, मालपुआ, और ठंडाई। लेकिन वर्तमान समय में लोगों ने होली के तयोहार को शराब और भांग पीने के दिन में बदल दिया है। लोग सड़कों पर शराब पीकर हुड़दंग करते हैं। तेज आवाज में डीजे चलते हैं। पहले की तरह ढोल और नाच-गाना अब गायब हो चुका है।
होली की पूजा विधि
- होलिका दहन से पहले घर में साफ-सफाई करें और पूजा की तैयारी करें।
- होलिका दहन के लिए लकड़ी, उपले, और नारियल रखें।
- होलिका दहन के समय भगवान विष्णु और प्रह्लाद की पूजा करें।
- होलिका की आग में नारियल चढ़ाएं और परिक्रमा करें।
- अगले दिन सुबह रंगों से होली खेलें और मिठाइयां बांटें।
अगले 10 सालों में होली की तारीख और दिन
| वर्ष | तारीख | दिन |
|---|---|---|
| 2025 | 14 मार्च | शुक्रवार |
| 2026 | 3 मार्च | मंगलवार |
| 2027 | 22 मार्च | सोमवार |
| 2028 | 10 मार्च | शुक्रवार |
| 2029 | 28 फरवरी | बुधवार |
| 2030 | 19 मार्च | मंगलवार |
| 2031 | 8 मार्च | शनिवार |
| 2032 | 26 मार्च | गुरुवार |
| 2033 | 14 मार्च | सोमवार |
| 2034 | 3 मार्च | शुक्रवार |
निष्कर्ष
होली का त्योहार हमें प्रेम, एकता, और खुशियों का संदेश देता है। यह त्योहार न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में मनाया जाता है। 2025 में होली 14 मार्च को मनाई जाएगी। होली के इस पावन अवसर पर हम सभी को बुराई पर अच्छाई की जीत का संकल्प लेना चाहिए। होली का त्यौहार भाई – चारे का त्यौहार है और अपनों के साथ गिले-शिक्बे दूर करने का दिन है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्रश्न- 2026 में होली कब है?
उत्तर – 2026 में होली 3 मार्च, मंगलवार को मनाई जाएगी।
प्रश्न- होली क्यों मनाई जाती है?
उत्तर- होली बुराई पर अच्छाई की जीत और भक्त प्रह्लाद की कथा को याद करने के लिए मनाई जाती है।
प्रश्न- होली कितने देशों में मनाई जाती है?
उत्तर- होली मुख्य रूप से भारत और नेपाल में मनाई जाती है, लेकिन यह दुनिया के 20 से अधिक देशों में भी मनाई जाती है।
प्रश्न- होली की पूजा विधि क्या है?
उत्तर- होलिका दहन के समय भगवान विष्णु और प्रह्लाद की पूजा की जाती है और नारियल चढ़ाया जाता है।
प्रश्न- होली पर क्या खास बनाया जाता है?
उत्तर-होली पर गुझिया, मालपुआ, और ठंडाई जैसे पकवान बनाए जाते हैं।







