शीतल देवी तीरंदाज़ बायोग्राफी: प्रेरणादायक जीवन यात्रा, उम्र, परिवार, शिक्षा, करियर ताजा अपडेट

By Santosh Kumar

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Sheetal Devi Archer Story: शीतल देवी न केवल पैरालंपिक की सबसे युवा भारतीय पदक विजेता हैं, बल्कि वे दुनिया की दूसरी ऐसी तीरंदाज़ हैं जो बिना हाथों के पैरालंपिक मेडल जीत चुकी हैं। शीतल देवी तीरंदाज़ बायोग्राफी में हम उनकी उम्र, प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, परिवार और माता-पिता, करियर, शारीरिक बनावट, नवीनतम उपलब्धियाँ आपके साथ साझा कर रहे हैं।

Sheetal Devi

Sheetal Devi Brief Intro: शीतल देवी का संछिप्त परिचय

पूरा नामशीतल देवी
जन्म तिथि10 जनवरी 2007
उम्र (2025 तक)18 वर्ष
जन्म स्थानलोइधार गांव, किश्त्वाड़ जिला, जम्मू-कश्मीर, भारत
खेलपैरा-कंपाउंड तीरंदाज़ी
प्रमुख उपलब्धि2024 पेरिस पैरालंपिक ब्रॉन्ज, 2025 ग्वांगजू वर्ल्ड चैंपियनशिप गोल्ड
कोचमंजीत लोटस

शीतल देवी: गैर-दिव्यांग तीरंदाजों की भारतीय टीम में चयनित

जम्मू-कश्मीर की 18 वर्षीय पैरा-तीरंदाज शीतल देवी ने सोनीपत में हुए नेशनल ट्रायल्स में बेजोड़ प्रदर्शन कर इतिहास रच दिया। जन्मजात दोनों हाथ न होने के बावजूद, उन्होंने सक्षम तीरंदाजों की भारतीय टीम में जगह बनाई, और इस तरह पहली दिव्यांग एथलीट बनीं जो गैर-दिव्यांग खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगी।

शीतल देवी का प्रारंभिक जीवन

शीतल देवी ने अपने शुरूआती दिन बेहद संघर्षपूर्ण स्थिति में गुजारे हैं। 10 जनवरी 2007 को जम्मू-कश्मीर के ग्रामीण इलाके लोइधार गांव में जन्मी शीतल फोकोमेलिया नामक जन्मजात विकृति के कारण बिना हाथों के पैदा हुईं। उनके माता-पिता मजदूरी करके परिवार को पालते हैं, लेकिन परिवार ने कभी सघर्ष से मुंह नहीं मोड़ा। शीतल को बचपन में अनेकह चुनौतियों से जूझना पड़ा मगर अपने माता-पिता के संघर्ष को देखकर शीतल ने चौनौतियों से लड़ना सीखा।

2021 में टोक्यो पैरालंपिक देखने के बाद शीतल ने तीरंदाज़ी में रुचि दिखाई। उन्होंने पैरों से तीर चलाना सीखा और जल्द ही राज्य स्तर पर सफलता हासिल की। जम्मू-कश्मीर की इस बेटी ने साबित कर दिया कि शारीरिक कमी जीवन में कोई बाधा नहीं। आज शीतल भारत की प्रथम पैर से तीरंदाज़ी करने वाली लड़की है।

Sheetal Devi Mother

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शीतल देवी की शिक्षा

शीतल देवी ने गरीबी में जीवन जीना शुरू किया मगर शिक्षा के प्रति बचपन से उत्साही थी। उनके माता-पिता, जो खुद कभी स्कूल नहीं गए, ने शिक्षा के महत्व को समझा। शीतल ने किश्त्वाड़ के स्थानीय प्राइमरी स्कूल से प्रारम्भिक पढ़ाई की। वर्तमान में वे 11वीं कक्षा की छात्रा हैं और खेल के साथ-साथ पढ़ाई में भी संतुलन स्थापित कर रही हैं।

शैक्षिक स्तरसंस्थान/स्कूलवर्ष/विवरण
प्राइमरीस्थानीय प्राइमरी स्कूल, किश्त्वाड़2012-2018
माध्यमिकसरकारी हाई स्कूल, किश्त्वाड़2018-2023
वर्तमान11वीं कक्षा2023-वर्तमान

शीतल देवी का परिवार और माता-पिता

शीतल देवी का साधारण लेकिन मजबूत है। उनके पिता मान सिंह किसान और दैनिक मजदूर हैं, जबकि मां शक्ति देवी गृहिणी हैं। भाई अजय कुमार भी उनका सहयोग करते हैं। परिवार ने शीतल को हमेशा प्रोत्साहित किया, भले ही आर्थिक तंगी रही। 2023 एशियन पैरा गेम्स के बाद किश्त्वाड़ एसएसपी ने उनके परिवार को सम्मानित किया।

सदस्यसंबंधव्यवसाय/विवरण
पितामान सिंहsheetal devi archer father maan singhकिसान और दैनिक मजदूर
शक्ति देवीमातागृहिणी
अजय कुमारभाईसहायक/छात्र

शीतल देवी राज्य: जम्मू-कश्मीर की शान

शीतल देवी का राज्य जम्मू-कश्मीर है, जहां किश्त्वाड़ जिले का लोइधार गांव से उनकी जड़ें जुड़ी हैं। राज्य सरकार ने उन्हें खेलो इंडिया स्कीम के तहत समर्थन दिया, जो पैरा-खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है।

शीतल देवी का करियर

शीतल देवी ने अपना करियर 2021 में शुरू किया, जब उन्होंने कटरा के देवी श्राइन बोर्ड आर्चरी अकादमी में प्रशिक्षण लिया। कोच मंजीत लोटस के मार्गदर्शन में उन्होंने पैरों से कंपाउंड आर्चरी में महारत हासिल की। 2023 एशियन पैरा गेम्स में व्यक्तिगत और मिक्स्ड टीम में गोल्ड जीतकर वे सुर्खियों में आईं। 2024 पेरिस पैरालंपिक में राकेश कुमार के साथ मिक्स्ड टीम ब्रॉन्ज ने उन्हें भारत की सबसे युवा पैरालंपिक पदक विजेता बना दिया।

2025 में ग्वांगजू वर्ल्ड आर्चरी पैरा चैंपियनशिप में वुमेंस कंपाउंड व्यक्तिगत गोल्ड जीतकर उन्होंने इतिहास रचा। वे BBC इमर्जिंग एथलीट ऑफ द ईयर 2024 की पहली भारतीय विजेता भी हैं।

Sheetal Devi Archer

शीतल देवी की शारीरिक बनावट

शीतल देवी की शारीरिक बनावट अद्भुत दृढ़ता की कहानी कहती है। बिना हाथों के जन्मी शीतल पैरों से तीर चलाती हैं, जो उनकी अनोखी तकनीक है। वे युवा, ऊर्जावान और हमेशा मुस्कुराती रहती हैं।

विशेषताविवरण
ऊंचाईलगभग 5 फीट (अनुमानित)
वजन45-50 किग्रा (अनुमानित)
शारीरिक स्थितिफोकोमेलिया (बिना हाथों)
विशेष तकनीकपैरों से तीरंदाज़ी

शीतल देवी की नवीनतम उपलब्धियाँ

  • गोल्ड: 2025 ग्वांगजू वर्ल्ड आर्चरी पैरा चैंपियनशिप, वुमेंस कंपाउंड व्यक्तिगत।
  • ब्रॉन्ज: 2024 पेरिस पैरालंपिक, मिक्स्ड टीम कंपाउंड।
  • गोल्ड (दो): 2023 एशियन पैरा गेम्स, व्यक्तिगत और मिक्स्ड टीम।
  • पुरस्कार: BBC इमर्जिंग एथलीट ऑफ द ईयर 2024।

शीतल देवी के पुरस्कार

शीतल देवी के पुरस्कार Arjuna Award To Sheetal Devi
स्तरपुरस्कार का नामवर्षविवरण/स्रोत
अंतरराष्ट्रीयBest Youth Athlete of the Year2023Asian Paralympic Committee द्वारा प्रदान
अंतरराष्ट्रीयBest Women Para Archer of the Year2023World Archery द्वारा प्रदान
अंतरराष्ट्रीयBBC Emerging Athlete of the Year2024BBC द्वारा पहली भारतीय विजेता के रूप में सम्मानित
राष्ट्रीयअर्जुन पुरस्कार2024भारत सरकार द्वारा खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रदान

निष्कर्ष:

शीतल देवी की कहानी साबित करती है कि इच्छाशक्ति से कोई लक्ष्य असंभव नहीं। यदि आपको शीतल देवी बायोग्राफी पसंद आई, तो कमेंट में बताएं और शेयर करें। अधिक अपडेट्स के लिए सब्सक्राइब करें!

FAQ: शीतल देवी से संबंधित सामान्य प्रश्न

शीतल देवी की उम्र कितनी है?

18 वर्ष (10 जनवरी 2007 को जन्मी)।

शीतल देवी के माता-पिता कौन हैं?

पिता: मान सिंह, मां: शक्ति देवी।

शीतल देवी ने कौन सा मेडल जीता है?

2024 पैरालंपिक ब्रॉन्ज और 2025 वर्ल्ड चैंपियनशिप गोल्ड।

शीतल देवी कैसे तीर चलाती हैं?

पैरों से, बिना हाथों के।

क्या शीतल देवी को अर्जुन पुरस्कार मिला है?

हां शीतल देवी को 2024 का अर्जुन पुरस्कार राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने दिया है।

स्रोत: विकिपीडिया, ओलंपिक्स.कॉम, टाइम्स ऑफ इंडिया और अन्य आधिकारिक साइट्स।

Santosh Kumar

My name is Dr Santosh Kumar Sain and I am a Government Teacher. I am fond of writing and through this blog I will introduce you to the biographies of famous women.

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