बाल दिवस पर निबंध | Essay on Childrens Day in Hindi

By Santosh Kumar

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Essay on Childrens Day in Hindi: भारत में प्रतिवर्ष 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। यह अवसर बच्चों की खुशी, उनके अधिकारों और सर्वांगीण विकास को समर्पित होता है। यह तिथि हमारे प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती भी है, जिन्हें बच्चे स्नेह से ‘चाचा नेहरू‘ पुकारते थे। नेहरू जी का मानना था कि बच्चे राष्ट्र की नींव हैं, इसलिए उनके लिए सुरक्षित वातावरण, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और पोषण आवश्यक है। यह दिवस हमें बच्चों की देखभाल और उनके भविष्य को मजबूत बनाने की प्रेरणा देता है।

Essay on Childrens Day

बाल दिवस की पृष्ठभूमि

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत में बच्चों के कल्याण को प्राथमिकता दी गई। पंडित नेहरू ने बच्चों को देश का आने वाला कल मानते हुए उनके समग्र विकास पर बल दिया। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा को निःशुल्क और बाध्यकारी बनाने की दिशा में कदम उठाए। कुपोषण से लड़ने के लिए स्कूलों में दूध व मध्याह्न भोजन की योजना शुरू की। साथ ही, विज्ञान व तकनीकी क्षेत्र में प्रगति के लिए प्रमुख संस्थानों की नींव रखी, ताकि आने वाली पीढ़ी मजबूत आधार पर खड़ी हो सके।

उत्सव की रौनक

बाल दिवस पूरे देश में स्कूलों, समाज और परिवारों में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। शिक्षण संस्थानों में विशेष सभाएं आयोजित होती हैं, जहां विद्यार्थी नाटक, नृत्य, गायन और भाषणों से अपनी प्रतिभा दिखाते हैं। चित्रकला, कविता वाचन तथा खेलकूद प्रतियोगिताओं से बच्चों की रचनात्मकता को प्रोत्साहन मिलता है। शिक्षक इस मौके पर छात्रों के प्रति अपना लगाव व्यक्त करते हैं और मज़ेदार गतिविधियों से जागरूकता फैलाते हैं।

गैर-सरकारी संगठन व सामाजिक संस्थाएं अनाथालयों तथा जरूरतमंद क्षेत्रों में कार्यक्रम आयोजित करती हैं। इनमें मनोरंजन, शिक्षाप्रद गतिविधियां और आवश्यक सामग्री का वितरण शामिल होता है। अभिभावक अपने बच्चों के साथ गुणवत्तापूर्ण समय व्यतीत करते हैं—पिकनिक, घूमना-फिरना या पुस्तकें भेंट करके उन्हें प्रोत्साहित करते हैं।

बाल दिवस का महत्त्व

यह दिवस बच्चों से संबंधित गंभीर चुनौतियों जैसे निर्धनता, पोषण की कमी, शिक्षा से वंचित होना और बाल मजदूरी पर प्रकाश डालता है। विभिन्न आयोजनों से इन विषयों पर चर्चा और समाधान की दिशा में कदम उठाए जाते हैं। मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  1. शिक्षा का प्रसार: हर बच्चे तक ज्ञान पहुंचाने पर जोर।
  2. अधिकारों की रक्षा: बच्चों के मौलिक अधिकारों बारे जागरूकता।
  3. स्वास्थ्य व खुशहाली: शारीरिक-मानसिक विकास और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता।

बाल दिवस बच्चों को उनके कर्तव्यों की याद भी दिलाता है—सत्य, सम्मान और प्रेम का पालन करना। उन्हें राम की तरह आज्ञाकारी, कृष्ण की तरह चंचल व प्रेमपूर्ण, प्रह्लाद की तरह अटल और नचिकेता की तरह साहसी बनने की प्रेरणा मिलनी चाहिए।

समापन विचार

बाल दिवस आनंद, उत्साह और उत्तरदायित्व का प्रतीक है। यह हमें स्मरण कराता है कि प्रत्येक बच्चे को सीखने, विकसित होने और सपने साकार करने का समान अवसर मिले। मासूमियत व असीम क्षमताओं का यह पर्व हमें प्रेरित करता है कि हम मिलकर बच्चों के लिए एक सुरक्षित, समृद्ध विश्व का निर्माण करें। आइए, इस दिवस को बच्चों की मुस्कान और भविष्य की मजबूती का संकल्प बनाएं।

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Santosh Kumar

My name is Dr Santosh Kumar Sain and I am a Government Teacher. I am fond of writing and through this blog I will introduce you to the biographies of famous women.

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