Kanathil Jameela Profile: कनाथिल जमिला (05 मई 1966- 29 नवंबर 2025) केरल की एक प्रमुख कम्युनिस्ट नेता और राजनीतिज्ञ थीं। वे कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) [सीपीआई(एम)] की सदस्य थीं और कोइलांडी विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुनी गईं। एक साधारण गृहिणी से लेकर स्थानीय शासन की प्रमुख तक का उनका सफर महिलाओं के सशक्तिकरण और जनसेवा की प्रेरणादायक मिसाल है। कैंसर से जूझते हुए 59 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया, जिसने केरल की राजनीति को गहरा आघात पहुंचाया।

प्रारंभिक जीवन (Kanathil Jameela Early Life)
कनाथिल जमिला का जन्म 5 मई 1966 को केरल के कोझीकोड जिले के कुट्टियाड़ी गांव के चेरियाकुंबलम में एक सामान्य मुस्लिम परिवार में हुआ था। वे स्वर्गीय टी.के. अली और मरियम दंपति की पुत्री थीं। उनका परिवार सामाजिक रूप से सक्रिय था, जहां से उन्हें बचपन से ही समुदाय सेवा और सार्वजनिक जीवन की प्रेरणा मिली। उस समय मुस्लिम महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा और सार्वजनिक भागीदारी के द्वार लगभग बंद थे, लेकिन जमिला ने सीपीआई(एम) के प्रभाव में अपना मार्ग खुद तय किया।
बचपन में ही उन्होंने सामाजिक मुद्दों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों से जुड़े विषयों में रुचि दिखाई। कुट्टियाड़ी के सरकारी हाई स्कूल में नौवीं कक्षा में उन्होंने केरल स्टूडेंट्स यूनियन (केएसयू) के उम्मीदवार के खिलाफ स्कूल प्रतिनिधि चुनाव लड़ा, जो उनकी राजनीतिक शुरुआत का प्रथम कदम था, हालांकि वे हार गईं। विवाह के बाद वे थलक्कुलथुर के अथोली चोयिक्कुलम में कनाथिल हाउस में बस गईं।
शिक्षा (Education)
जमिला ने अपनी प्राथमिक शिक्षा कुट्टियाड़ी एमआईयूपी स्कूल और कुट्टियाड़ी सरकारी हाई स्कूल से प्राप्त की। उच्च शिक्षा उन्होंने एक निजी संस्थान से हासिल की। शिक्षा के दौरान ही उन्होंने सामाजिक कार्यों में सक्रियता दिखाई, विशेषकर साक्षरता अभियान और समुदाय विकास योजनाओं में योगदान दिया। उनकी शिक्षा ने उन्हें स्थानीय मुद्दों की गहरी समझ प्रदान की, जो बाद में उनकी राजनीतिक यात्रा का आधार बनी।
आयु (Age)
जमिला का जन्म 5 मई 1966 को हुआ था। निधन के समय उनकी आयु 59 वर्ष थी। वर्तमान तिथि (30 नवंबर 2025) के अनुसार, वे मात्र 59 वर्ष की ही थीं जब कैंसर के इलाज के दौरान उनका स्वर्गवास हो गया।
करियर (Career)
जमिला का राजनीतिक सफर 1995 में शुरू हुआ, जब उन्होंने थलक्कुलथुर पंचायत अध्यक्ष के रूप में पहली बार चुनाव जीता। एक गृहिणी से विधायक तक का उनका उदय निरंतर प्रगति का प्रतीक था:
- 1994: थलक्कुलथुर ग्राम पंचायत अध्यक्ष बनीं।
- 2000: कल्याण मामलों की स्थायी समिति की अध्यक्ष।
- 2005-2010: चेलानुर ब्लॉक पंचायत अध्यक्ष।
- 2010-2015: कोझीकोड जिला पंचायत अध्यक्ष (निर्विरोध चुनी गईं)। उनके कार्यकाल में कई जन-उत्तरदायी योजनाएं लागू की गईं, जैसे विकेंद्रीकृत योजना प्रक्रिया के तहत नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करना।
- 2015-2020: पांच वर्ष का ब्रेक लिया।
- 2019-2021: फिर से जिला पंचायत अध्यक्ष।
- 2021: केरल विधानसभा चुनाव में कोइलांडी क्षेत्र से लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की उम्मीदवार के रूप में 75,628 वोटों से जीत हासिल की, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के एन. सुब्रह्मण्यन को 8,472 वोटों से हराया। विधानसभा में उन्होंने महिलाओं और क्षेत्रीय मुद्दों पर जोरदार आवाज बुलंद की।
वे डेमोक्रेटिक विमेंस एसोसिएशन की जिला अध्यक्ष और राज्य संयुक्त सचिव रहीं, तथा राज्य अनाथालय समिति में सरकार की प्रतिनिधि के रूप में सेवा दी। 2017 से सीपीआई(एम) की जिला समिति सदस्य थीं। उनकी प्रशासनिक क्षमता के लिए उन्हें उत्कृष्ट जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में सम्मानित किया गया।
पति और बच्चे (Husband and Kids)
जमिला का विवाह अब्दुर्रहमान (कनाथिल अब्दुर्रहमान) से हुआ था। वे थलक्कुलथुर की निवासी थीं। उनके दो बच्चे थे:
- पुत्र: आयरीज़ रहमान (इरीज रहमान)।
- पुत्री: अनूजा सोहैब (अनूजा)।
परिवार के साथ उनका जीवन सरल और जनसेवा-केंद्रित था।

शारीरिक बनावट (Physical Appearance)
जमिला की शारीरिक बनावट के बारे में सार्वजनिक स्रोतों में विस्तृत विवरण उपलब्ध नहीं है। वे एक साधारण, परंपरागत मुस्लिम पोशाक में देखी जाती थीं, जो उनकी विनम्र और सुलभ छवि को दर्शाता था। फोटो और वीडियो में वे एक मध्यम कद-काठी वाली, सादगीपूर्ण मुस्कान वाली महिला के रूप में दिखाई देती हैं, जो उनकी “प्रसन्न और उत्साही” नेतृत्व शैली से मेल खाती है।
संपत्ति (Net Worth)
जमिला की संपत्ति या नेट वर्थ के बारे में कोई आधिकारिक या सार्वजनिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। एक सामान्य पृष्ठभूमि से आने वाली और जनसेवा पर केंद्रित जीवन जीने वाली नेता के रूप में, उन्होंने अपनी आय को शिक्षा और जरूरतमंदों की मदद के लिए दान करने में उपयोग किया। चुनावी हलफनामों में उनकी संपत्ति का उल्लेख न्यूनतम था, जो उनकी सादगी को प्रतिबिंबित करता है।
रोचक तथ्य (Interesting Facts)
- स्कूल स्तर पर राजनीतिक शुरुआत: नौवीं कक्षा में केएसयू उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ना उनकी प्रारंभिक साहसिकता का प्रमाण था।
- महिलाओं का प्रतीक: मुस्लिम महिलाओं के लिए बंद द्वारों को खोलने वाली, उन्होंने स्थानीय शासन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई।
- जन-केंद्रित योजनाएं: विकेंद्रीकृत योजना में नागरिकों को शामिल कर विकास परियोजनाओं को आकार दिया, जिससे कोझीकोड जिले में व्यापक विकास हुआ।
- सीपीआई(एम) की विरासत: पार्टी की महिलाओं के आंदोलन को मजबूत करने वाली, केरल सीएम पिनाराई विजयन ने उन्हें “प्रसन्न और उत्साही नेता” कहा।
- कैंसर से लड़ाई: लंबे समय से बीमार रहने के बावजूद, उन्होंने विधानसभा में सक्रिय भूमिका निभाई।
मृत्यु का कारण (Death Cause)
कनाथिल जमीलाका निधन 29 नवंबर 2025 को कोझीकोड के एक निजी अस्पताल में हुआ। लंबे समय से वे कैंसर से जूझ रही थीं। बीमारी के अंतिम चरण में भी उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लिया और जन-सेवा से जुड़े अपने दायित्वों को पूरा करने की कोशिश की। इलाज के दौरान उनकी स्थिति बिगड़ती गई और अंततः 59 वर्ष की आयु में वे इस दुनिया से विदा हो गईं।
उनके निधन पर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन सहित पूरे राजनीतिक समुदाय ने गहरा शोक व्यक्त किया। सीपीआई(एम) ने उन्हें “जनता की सच्ची सेविका और मुस्लिम महिलाओं के सशक्तिकरण की प्रतीक” बताया। अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ कोइलांडी में किया गया।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: कनाथिल जमिला का जन्म कब और कहां हुआ था?
उत्तर: उनका जन्म 5 मई 1966 को कोझीकोड जिले के कुट्टियाड़ी में हुआ था।
प्रश्न 1: कनाथिल जमिला का जन्म कब और कहां हुआ था?
उत्तर: 1995 में थलक्कुलथुर पंचायत अध्यक्ष के रूप में।
प्रश्न 3: वे विधानसभा कब पहुंचीं?
उत्तर: 2021 के केरल विधानसभा चुनाव में कोइलांडी से, 8,472 वोटों के अंतर से जीतकर।
प्रश्न 4: जमिला के परिवार के बारे में बताएं।
उत्तर: पति अब्दुर्रहमान, पुत्र आयरीज़ रहमान और पुत्री अनूजा सोहैब।
प्रश्न 5: उनका निधन कैसे हुआ?
उत्तर: 29 नवंबर 2025 को कोझीकोड के एक निजी अस्पताल में कैंसर के इलाज के दौरान, ५९ वर्ष की आयु में।
प्रश्न 6: जमिला की मुख्य उपलब्धियां क्या थीं?
उत्तर: जिला पंचायत अध्यक्ष के दो कार्यकाल, महिलाओं के आंदोलन में योगदान, और विधानसभा में क्षेत्रीय मुद्दों पर मुखरता।








