मैथिली ठाकुर: 25 साल की उम्र में बनीं बिहार की सबसे युवा विधायक, 10 साल में 17 बार बदला घर | Maithili Thakur Bihar Youngest MLA

By Dr. Santosh Kumar Sain

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Maithili Thakur Bihar Youngest MLA: अब राजनीति सिर्फ उनके लिए नहीं है जो वर्षों पार्टी और समाज के लिए काम करते हैं। अब राजनीति इस बात पर निर्भर करती है कि आपके राजनीतिक संबंध कहाँ तक हैं। इस मामले में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एक नाम जिसने सबको चौंका दिया – मैथिली ठाकुर। मात्र 25 साल की उम्र और अनुभवहीनता के बावजूद वे दरभंगा की अलीनगर सीट से भाजपा की टिकट पर विजयी होकर बिहार की सबसे कम उम्र की विधायक बन गईं।

आप जानते ही होंगे लोकप्रिय लोक गायिका से राजनीति के मैदान तक का उनका सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। लेकिन इसके पीछे अब ये भी मानना पड़ेगा कि अब वर्षों पार्टी में चप्पल घिसने की जरुरत नहीं, बल्कि राजनीतिक पहुँच कामयावी की गारंटी है। रियलिटी शो में रिजेक्शन, पड़ोसियों की शिकायतों से बार-बार घर बदलना, स्कूल में ‘बेवकूफ बिहारी‘ कहकर मजाक – इन सबके बावजूद मैथिली ने हार नहीं मानी और आज लाखों युवाओं की प्रेरणा बन गई हैं। आइए जानते हैं उनकी ये अप्रत्यासित पूरी कहानी!

Maithili Thakur Bihar Youngest MLA

कौन हैं मैथिली ठाकुर? (Maithili Thakur Biography in Hindi)

मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई 2000 को बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी प्रखंड में हुआ था। वे मिथिला की मिट्टी से निकलीं एक ऐसी संगीतमयी प्रतिभा हैं जो मैथिली, भोजपुरी, हिंदी और कई अन्य भाषाओं में लोकगीत, भजन और शास्त्रीय संगीत गाकर पूरे देश में मशहूर हो गईं। उनके पिता रमेश ठाकुर खुद शास्त्रीय गायक हैं और मां भारती ठाकुर ने घर संभालते हुए बच्चों की कला को निखारने में सहयोग दिया। उनके दो भाई – ऋषव और अयाची – भी उनके साथ मिलकर म्यूजिक ट्रियो बनाते हैं।

मैथिली ने महज़ 4 साल की उम्र से संगीत की शुरुआती ट्रैनिंग शुरू कर दी थी। 6 साल की उम्र में वे जगरणों में गाने लगीं। परिवार बेहतर मौके को तलाशते दिल्ली शिफ्ट हो गया, लेकिन यहां शुरुआत आसान नहीं थी।

संघर्ष की कहानी: 10 साल में 17 बार बदला घर, वजह सिर्फ संगीत अभ्यास!

दिल्ली आने के बाद मैथिली का परिवार आर्थिक तंगी से जूझता रहा। ज्यादातर एक कमरे के मकान में रहते थे, जो किसी दूसरे के घर से जुड़ा होता था। पिता और बच्चों का रोज़ाना घंटों रियाज़ (संगीत अभ्यास) पड़ोसियों को परेशान कर देता था। मां भारती ठाकुर ने एक पुराने इंटरव्यू में बताया था – “हमने 10 साल में 17 बार घर बदला। रियाज़ की आवाज़ से पड़ोसी शिकायत करते थे, इसलिए बार-बार शिफ्ट करना पड़ता था।”

2017 के बाद हालात सुधरे जब परिवार ने दिल्ली के द्वारका में अपना घर खरीदा और 2020 में साउंडप्रूफ फ्लैट में शिफ्ट किया। इस संघर्ष ने मैथिली को और मजबूत बनाया। स्कूल में भी अमीर बच्चे उन्हें “बेवकूफ बिहारी” कहकर चिढ़ाते थे, जिससे उन्हें काफी दुख हुआ।

शिक्षा: (Maithili Thakur Education)

  • 5वीं क्लास तक घर पर ही शिक्षा ग्रहण की।
  • उसके बाद दिल्ली के MCD स्कूल में एडमिशन।
  • गायकी की प्रतिभा देखकर बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल में म्यूजिक स्कॉलरशिप मिली।
  • बाद में दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन पूरा किया।

संगीत करियर:

बचपन में सा रे गा मा पा लिटिल चैंप्स और इंडियन आइडल जूनियर में ऑडिशन दिया, लेकिन रिजेक्ट हो गईं। 2017 में कलर्स टीवी के शो राइजिंग स्टार में हिस्सा लिया और फाइनल तक पहुंचीं। सिर्फ 2 वोटों से रनर-अप रहीं, लेकिन यही शो उनकी जिंदगी बदल गया।

शो के बाद करण जौहर और यश चोपड़ा जैसे बड़े फिल्ममेकर्स के ऑफर आए, लेकिन मैथिली ने बॉलीवुड छोड़कर सोशल मीडिया चुना। यूट्यूब, इंस्टाग्राम पर भजन, लोकगीत और मिथिला कल्चर के गाने डालने शुरू किए। आज उनके:

  • यूट्यूब पर 5 मिलियन+ सब्सक्राइबर्स
  • इंस्टाग्राम पर 7 मिलियन+ फॉलोअर्स
  • फेसबुक पर 15 मिलियन+ फॉलोअर्स

वे चुनाव आयोग की ब्रांड एंबेसडर भी रह चुकी हैं और मधुबनी पेंटिंग को प्रमोट करती हैं।

यह भी पढ़िए: मैथिली ठाकुर 25 वर्ष की आयु में बनी विधायक | Maithili Thakur Biography in Hindi

राजनीति में एंट्री: Maithili Thakur Bihar Youngest MLA

2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें अलीनगर सीट से टिकट दिया। पहली बार चुनाव लड़ते हुए राजद के दिग्गज बिनोद मिश्रा को 11,730 वोटों से हराया। यह सीट 17 साल बाद भाजपा के खाते में आई। मैथिली अब बिहार ही नहीं, पूरे देश की सबसे कम उम्र की विधायक बन गई हैं (क्योंकि विधायक बनने की न्यूनतम उम्र 25 साल है)।

जीत के बाद उन्होंने वादा किया – लड़कियों की शिक्षा मजबूत करेंगी, युवाओं के लिए रोजगार बढ़ाएंगी, स्कूलों में मिथिला पेंटिंग सिखाएंगी और अलीनगर का नाम सितानगर करने की कोशिश करेंगी।

Maithili Thakur election Campaign

मैथिली ठाकुर से क्या सीख मिलती है?

मैथिली की कहानी बताती है कि संघर्ष चाहे कितना भी बड़ा हो, अगर जुनून हो तो सफलता जरूर मिलती है। संगीत हो या राजनीति – उन्होंने दोनों में अपनी छाप छोड़ी। आज की जनरेशन Z के लिए वे रोल मॉडल हैं कि अपनी जड़ों से जुड़े रहकर भी बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है।

अगर आपको मैथिली के गाने पसंद हैं या उनकी कहानी प्रेरित करती है तो कमेंट में जरूर बताएं। शेयर करें ताकि ज्यादा लोग जानें इस युवा विधायक की प्रेरक यात्रा को!

यह भी पढ़िए: बिहार विधानसभा चुनाव 2025: मैथिली ठाकुर ने जीतने के बाद कही ये बात | Maithili Thakur Victory Bihar Elections

Dr. Santosh Kumar Sain

My name is Dr Santosh Kumar Sain and I am a Government Teacher. I am fond of writing and through this blog I will introduce you to the biographies of famous women.

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