खून से सिंदूर, लाश से फेरे: नांदेड़ की हैवानियत ने फिर पूछा – क्या भारत कभी जातिमुक्त होगा? | Nanded honour killing case

By Dr. Santosh Kumar Sain

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Nanded honour killing case: नांदेड़, महाराष्ट्र में हुई यह जघन्य घटना वाकई दिल दहला देने वाली है, जो जातिगत भेदभाव की गहरी जड़ों को उजागर करती है। यह एक अंतर्जातीय प्रेम प्रसंग से जुड़ी ऑनर किलिंग की घटना है, जिसमें एक युवक की निर्मम हत्या कर दी गई। यहाँ हम सवाल उन लगों से पूछ रहे हैं जो भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की बात करते हैं। क्या ऐसा होगा हिन्दू राष्ट्र जिसमें हज़ारो साल पुराने चश्में से लोगों को देखा जायेगा। सिर्फ इसलिए हत्या की जाएगी कि लड़का दलित समुदाय से था?

Nanded honour killing case

नांदेड़ घटना की पृष्ठभूमि

  • प्रमुख व्यक्ति:
  • युवती का नाम आंचल मामिलवाड़ (उम्र लगभग 18-19 वर्ष) है, जो एक हिंदू परिवार से है।
  • उसके प्रेमी का नाम सक्षम टेटे (उम्र 25 वर्ष) था, जो बौद्ध समुदाय (जो अक्सर दलित पृष्ठभूमि से जुड़ा होता है) से था।
  • दोनों के बीच प्रेम संबंध था, और वे जल्द शादी करने की योजना बना रहे थे। लेकिन आंचल के परिवार को यह रिश्ता जातिगत और धार्मिक भेदभाव के कारण स्वीकार्य नहीं था। परिवार ने सक्षम को बार-बार धमकियाँ दीं और हफ्तों से उनकी हत्या की साजिश रच रहे थे।

घटना का विवरण (समयरेखा):

  • कब हुई: गुरुवार शाम (29 नवंबर 2025 के आसपास, समाचार और ऑनलाइन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार)।
  • घटना का स्थान: नांदेड़, महारष्ट्र के जूना गंज इलाके में।
  • क्या हुआ: आंचल के परिवार ने सक्षम को बहाने से बुलाया। वहाँ आंचल के पिता गजानन मामिलवाड़, भाई हिमेश मामिलवाड़ और साहिल मामिलवाड़, तथा तीन अन्य लोगों ने सक्षम पर हमला किया। उन्होंने पहले सक्षम की पिटाई की, फिर गोली मारी, और अंत में उसके सिर को पत्थर की स्लैब से कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। एक नाबालिग आरोपी को भी इसमें शामिल बताया गया है।

अब तक की पुलिस कार्रवाई:

  • हत्या के तुरंत बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया। एफआईआर भारतीय न्याय संहिता (BNS), एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम, और हथियार अधिनियम के तहत दर्ज हुई।
  • सभी वयस्क आरोपी (गजानन, हिमेश, साहिल और तीन अन्य) को गिरफ्तार कर लिया गया। नाबालिग को सुधार गृह भेजा गया।
  • पुलिस ने हथियार बरामद करने और आंचल के पूर्ण बयान दर्ज करने की जाँच जारी रखी है। जातिगत तनाव न फैले, इसके लिए अतिरिक्त सुरक्षा तैनात की गई है।

घटना के बाद की घटना (प्रतीकात्मक विवाह):

  • कब: शुक्रवार शाम (30 नवंबर 2025) को सक्षम के अंतिम संस्कार की तैयारी के दौरान।
  • क्या हुआ: सक्षम के शव को उसके घर लाया गया। आंचल वहाँ पहुँची, शव के पास रोई-बिलखी, और फिर एक प्रतीकात्मक विवाह रस्म अदा की। उसने सक्षम के शव पर हल्दी और कुमकुम लगाया, और उसके खून को सिंदूर के रूप में इस्तेमाल किया। यह एक विद्रोही कदम था, जो उनके प्रेम को ‘अमर’ साबित करने का प्रतीक था।
  • आंचल ने कहा: “उन्होंने उसे क्रूरता से मार डाला, लेकिन वे हार गए। मेरा प्रेमी जीत गया, भले ही मौत में। मैं चाहती हूँ कि मेरे पिता और भाइयों को फाँसी दी जाए।” उसने अपने परिवार से सारे रिश्ते तोड़ लिए और घोषणा की कि वह सक्षम की माँ के साथ जीवन भर रहेगी। “वे हमें अब अलग नहीं कर सकते।”
Nanded honour killing case

व्यापक संदर्भ और प्रभाव:

यह घटना भारत में जातिगत हिंसा और हॉनर किलिंग की समस्या को फिर से सामने लाती है, जहाँ इंटर-कास्ट रिश्तों को अभी भी घोर विरोध का सामना करना पड़ता है। आंचल ने पुलिस पर भी आरोप लगाया कि दो पुलिसकर्मियों ने उसके भाई को उकसाया, जिससे हत्या हुई। यह मामला न केवल न्याय की माँग करता है, बल्कि समाज को सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम कभी वाकई ‘जातिमुक्त’ भारत बना पाएँगे।

क्या कभी जातिमुक्त होगा भारत?

यहाँ सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या भारत कभी जातिमुक्त होगा? सवाल उन लोगों से भी जो भारत को हिन्दू राष्ट्र तो बनाने की बात करते हैं मगर भारत को जातिमुक्त बनाने की बात नहीं करते। क्या जाति के आधार पर आज भी उच्च और निम्न का ये भेद कभी समाप्त होगा? इस देश का सवर्ण समाज जब आरक्षण को आर्थिक आधार पर करने की बात करता है तो वह बताये क्या ये हत्या आर्थिक आधार पर की गई या जातीय आधार पर? सवाल बहुत हैं लेकिन तथाकथित उच्च समाज के आलावा पिछड़ा समाज भी जातीय शोषण में अगड़ों से किसी भी मामले में कमतर नहीं है। अपनी प्रतिक्रिया कमेंट के माध्यम से अवश्य दीजिये।

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Dr. Santosh Kumar Sain

My name is Dr Santosh Kumar Sain and I am a Government Teacher. I am fond of writing and through this blog I will introduce you to the biographies of famous women.

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