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निर्मला सीतारमण बायोग्राफी: भारत की प्रथम पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री की प्रेरणादायक यात्रा | Nirmala Sitharaman Biography in Hindi

By Santosh Kumar

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निर्मला सीतारमण को हम सबने टीवी पर देखा है वर्तमान सरकार में वे वित्त मंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय की प्रमुख हैं, वे भारत की प्रथम पूर्णकालिक वित्त मंत्री हैं। 66 वर्ष की निर्मला 1959 में तमिलनाडु के मदुरै में जन्मीं और प्रारम्भ से ही मजबूत इरादों वाली निर्मला की, बौद्धिक क्षमता और नेतृत्व कौशल से भारत की आर्थिक दशा एक विकसित भारत की नींव रख चुकी है। इस लेख में हम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के – प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, परिवार, करियर, और राजनीतिक सफर के साथ उनकी उपलब्धियों को विस्तार से चर्चा करंगे। अगर आप भारत की वित्त मंत्री “Nirmala Sitharaman Biography in Hindi” खोज रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए है जहाँ आपको सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी।

निर्मला सीतारमण बायोग्राफी: भारत की प्रथम पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री की प्रेरणादायक यात्रा | Nirmala Sitharaman Biography in Hindi
जानकारीविवरण
पूरा नामनिर्मला सीतारमण
जन्म तिथि18 अगस्त 1959
जन्म स्थानमदुरै, तमिलनाडु, भारत
वर्तमान आयु66 वर्ष (22 सितंबर 2025 तक)
पदभारत की वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री
राजनीतिक दलभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
धर्महिन्दू
जातिअयंगर ब्राह्मण
प्रमुख उपलब्धिभारत की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री और वित्त मंत्री
शिक्षाबी.ए., एम.ए., एम.फिल. (अर्थशास्त्र)
पतिपरकाला प्रभाकर
संतानएक बेटी (परकाला वंगमयी)

Nirmala Sitharaman Early Life: प्रारंभिक जीवन

निर्मला सीतारमण का जन्म 18 अगस्त 1959 को दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु के मदुरै में एक मध्यमवर्गीय तमिल अयंगर ब्राह्मण परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम नारायण सीतारमण है जो भारतीय रेलवे में अधिकारी थे और तिरुचिरापल्ली के मूसिरी से ताल्लुक रखते थे। निर्मला के जीवन में उनकी माता सावित्री सीतारमण का बहुत महत्व है भले ही वे एक एक गृहिणी थीं, मगर उन्होंने निर्मला को बचपन से ही दृढ निश्चयी बनाया। निर्मला का बचपन पिता की नौकरी में स्थानांतरण की बजह से अलग-अलग शहरों में बीता। बचपन की इस भगा-दौड़ ने निर्मला को बचपन से की रचनात्मक दृष्टिकोण दिया।

मदुरै के सांस्कृतिक और धार्मिक वातावरण ने निर्मला को तमिल साहित्य की ओर आकर्षित किया। निर्मला को बचपन से रामायण और महाभारत की कहानियां सुन्ना पसंद था, इसके कारण उन्हें नैतिकता का पाठ सीखने मिला। उन्होंने विल्लुपुरम के सैक्रेड हार्ट कॉन्वेंट एंग्लो-इंडियन स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद चेन्नई के विद्यादया स्कूल में शिक्षा ग्रहण की, जहां उन्होंने गणित और विज्ञान में रुचि प्रदर्शित की। तिरुचिरापल्ली के सेंट फिलोमेना स्कूल और होली क्रॉस स्कूल में उनकी माध्यमिक शिक्षा पूर्ण हुई।

1970 के दशक में भारत में आये अथिक भूचाल ने उन्हें अर्थशास्त्र की ओर आकर्षित किया। पनिर्मला का परिवार शिक्षित परिवार था और उनकी बहन भी उच्च शिक्षित थी। स्कूल के दिनों से ही निर्मला वाद-विवाद प्रतियोगिताएं में हिस्सा लेती थीं।

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Nirmala Sitharaman Education : शिक्षा

जैसा हम पहले ही बता चुके हैं निर्मला 18 अगस्त 1959 को तमिलनाडु के मदुरै शहर में जन्मीं हैं। उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा विल्लुपुरम के सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट एंग्लो-इंडियन स्कूल से की, जो प्राथमिक स्तर तक थी। उसके बाद वे चेन्नई के विद्यादया स्कूल में पढ़ीं। फिर, तिरुचिरापल्ली के सेंट फिलोमेना स्कूल और होली क्रॉस स्कूल से उन्होंने आगे की स्कूली शिक्षा प्राप्त की।

उच्च शिक्षा पूरी करने के लिए उन्होंने 1980 में तिरुचिरापल्ली के सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उसके बाद, 1984 में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए और एम.फिल. डिग्री हासिल की। उन्होंने जेएनयू में अर्थशास्त्र में पीएचडी के लिए नामांकन कराया, जिसमें भारत-यूरोप व्यापार पर फोकस था। लेकिन वे इसे पूरा नहीं कर पाईं, क्योंकि उनके पति को लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में छात्रवृत्ति मिल गई और वे पति के साथ लंदन चली गईं।

शिक्षासंस्थानवर्ष
हाई स्कूलसैक्रेड हार्ट कॉन्वेंट, विल्लुपुरम1973-1975
इंटरमीडिएट (12वीं)विद्यादया स्कूल, चेन्नई1975-1977
बी.ए. (अर्थशास्त्र)सीतलक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज, तिरुचिरापल्ली1977-1980
एम.ए. (अर्थशास्त्र)जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), दिल्ली1980-1982
एम.फिल. (अर्थशास्त्र)जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), दिल्ली1982-1984
पीएचडी (अपूर्ण)जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), दिल्ली1984-1986

परिवार, विवाह और संतान (Family, Marriage and Children)

निरमला सीतारमण की शादी 21 वर्ष की आयु में 1986 में परकाला प्रभाकर के साथ हुई, जो आंध्र प्रदेश के नरसापुरम से हैं। प्रभाकर एक प्रख्यात अर्थशास्त्री और लेखक हैं, जिन्होंने तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) में प्रवक्ता के रूप में भी काम किया। 2014-2018 तक वे आंध्र प्रदेश सरकार के संचार सलाहकार रहे। दंपति की एक बेटी, परकाला वंगमयी, है जो एक पत्रकार हैं और ‘द हिंदू’ और ‘मिंट’ जैसे अखबारों में काम कर चुकी हैं।

Nirmala Sitaraman Family, Marriage and Children
पतिपरकाला प्रभाकर
विवाह1986
संतानएक बेटी- परकाला वंगमयी

पति और उनका व्यवसाय (Husband and His Business)

निर्मला के पति परकाला प्रभाकर एक जाने-माने अर्थशास्त्री, लेखक और नीति विश्लेषक हैं। उनकी किताब ‘The India Fix’ भारत की आर्थिक और सामाजिक नीतियों को उजागर करती है। टीडीपी में सक्रिय रहने के अतिरिक्त, वे कंसल्टेंसी और मीडिया एनालिसिस में कार्यरत हैं। 2014-2018 में आंध्र सरकार में संचार सलाहकार के रूप में उन्होंने विकास परियोजनाओं को बढ़ावा दिया। प्रभाकर की टिप्पणियां अक्सर निर्मला की नीतियों पर प्रश्नचिन्ह लगाती हैं, जो उनके रिश्ते में स्वस्थ बहस को दर्शाता है।

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वर्तमान आयु (Current Age)

22 सितंबर 2025 को निरमला सीतारमण की आयु 66 वर्ष है। उनकी ऊर्जा और समर्पण आज भी प्रेरणादायक है। हालाँकि उनकी वित्त नीतियों की आलोचना होती हैं। उनके पति भी निर्मला की वित्तीय नीतियों के आलोचक हैं।

शारीरिक बनावट

विशेषताविवरण
ऊंचाई5 फीट 4 इंच (163 सेमी)
वजन55 किलो
ड्रेस साइज4 (यूएस)
शू साइज6 (यूएस)

करियर (Career)

निर्मला का शुरूआती राजनीतिक सफर वैश्विक अनुभवों से भरा है। 1986-1998 तक लंदन में हैबिटेट होम डेकोर स्टोर में सेल्सपर्सन के तौर पर काम किया। इसके बाद एग्रीकल्चरल इंजीनियर्स एसोसिएशन में इकोनॉमिस्ट असिस्टेंट (वित्त सहायक ) और प्राइसवाटरहाउसकूपर्स में सीनियर मैनेजर (आरएंडडी) रहीं। उन्होंने बीबीसी वर्ल्ड सर्विस में भी काम किया। 2003-2005 में नेशनल कमीशन फॉर वूमेन की मेंबर रहीं। 2017 में हैदराबाद में प्रणव स्कूल की फाउंडिंग डायरेक्टर बनीं। इन अलग-अलग वित्तीय अनुभवों ने उन्हें वैश्विक व्यापार और नीति निर्माण में विशेषज्ञता पादन की।

राजनीति में प्रवेश और अब तक का सफर (Entry into Politics and Journey So Far)

2008 में निर्मला ने बीजेपी में सक्रीय भूमिका निभाने के लिए सदस्यता ली और जल्दी ही राष्ट्रीय प्रवक्ता बनीं। 2014 में आंध्र प्रदेश से राज्यसभा सांसद चुनी गईं। 2016 और 2022 में कर्नाटक से राज्यसभा पहुंचीं। उनके संतुलित और प्रभावशाली भाषणों ने उन्हें पार्टी में पहचान दिलाई। मोदी सरकार में निर्मला का कद बढ़ता गया और वे पहली महिला स्थायी रक्षा मंत्री और बाद में वित्त मंत्री बनीं, और आज वे बीजेपी की सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक हैं।

प्रारंभिक सरकारी भूमिकाएँ और अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति (Initial Government Roles and International Diplomacy)

निर्मला 2014 में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री बनीं। उन्होंने यूएई, ऑस्ट्रेलिया और यूके के साथ व्यापारिक समझौते किए। जी-20 और आईएमएफ मीटिंग्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उनकी कूटनीति ने भारत को वैश्विक मंच पर मजबूत किया।

भारत की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री (India’s First Full-Time Female Defense Minister)

nirmala sitaraman India's First Full-Time Female Defense Minister

2017-2019 तक वे भारत की रक्षा मंत्री रहीं। बालाकोट एयरस्ट्राइक, राफेल डील और डिफेंस प्लानिंग कमिटी उनके कार्यकाल की उपलब्धियां हैं। महिलाओं के लिए सेना में स्थायी कमीशन उनकी ही पहल थी।

वित्त मंत्री के रूप में कार्यकाल (Tenure as Finance Minister)

Nirmala Sitaraman Tenure as Finance Minister

निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में 30 मई 2019 को भारत की वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। वे भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनीं। 2025 तक उन्होंने 8 केंद्रीय बजट पेश किए, जो भारत के आर्थिक इतिहास में एक रिकॉर्ड है। उनके कार्यकाल में भारत ने वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का सामना किया, जिसमें कोविड-19 महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक मंदी शामिल हैं।

2020 में कोविड-19 संकट के दौरान, निर्मला ने आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किया, जिसमें 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज था। इस पैकेज ने एमएसएमई, कृषि, और स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूती प्रदान की। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त अनाज और नकद सहायता दी गई। उन्होंने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना शुरू की, जिसने मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन दिया, खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मास्यूटिकल्स में।

बैंकिंग सुधारों में, उन्होंने बैंक रीकैपिटलाइजेशन (bank recapitalization) और इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) को मजबूत किया, जिससे बैंकों के नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) 10% से घटकर 4% से नीचे आए। पब्लिक सेक्टर बैंकों का विलय (10 बैंकों को 4 में मर्ज) उनकी बड़ी उपलब्धि थी। टैक्स सुधारों में, उन्होंने कॉर्पोरेट टैक्स को 30% से घटाकर 22% किया, जिससे निवेश को बढ़ावा मिला। जीएसटी को और सरल किया गया, जिससे राजस्व में 12% की वृद्धि हुई।

2024 तक भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.8% रही, और भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में 5वें स्थान पर पहुंचा। डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए यूपीआई को वैश्विक मंच पर ले गईं, जिसे सिंगापुर और यूएई जैसे देशों ने अपनाया। इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर देते हुए, उन्होंने 2023-24 के बजट में 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश सुनिश्चित किया, जिसमें रेलवे, सड़क, और बंदरगाह शामिल हैं।

व्यापार और द्विपक्षीय सौदे (Trade and Bilateral Deals)

निर्मला सीतारमण ने भारत के वैश्विक व्यापार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनके नेतृत्व में भारत ने यूएस, यूके, यूएई, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ के साथ कई महत्वपूर्ण व्यापारिक समझौते किए। 2022 में भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) पर हस्ताक्षर हुए, जिसने भारत के निर्यात को 28% बढ़ाया, खासकर रत्न-आभूषण और टेक्सटाइल में। भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ईसीटीए) ने कृषि और डेयरी उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा दिया।

2025 में निर्मला ने यूएस-भारत बाइलैटरल ट्रेड एग्रीमेंट (बीटीए) पर जोर दिया, जिसका लक्ष्य टैरिफ में 15% की कटौती और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर है। यूके के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर बातचीत अंतिम चरण में है, जिससे ऑटोमोबाइल और स्टील निर्यात बढ़ेगा। जी-20 और ब्रिक्स जैसे मंचों पर उन्होंने भारत की आवाज बुलंद की।

उन्होंने मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए विदेशी निवेश को सरल किया, जिससे 2020-2025 के बीच 100 बिलियन डॉलर का एफडीआई आया। निर्यात 2024 में 750 बिलियन डॉलर तक पहुंचा, जिसमें टेक्सटाइल, फार्मा, और आईटी का योगदान रहा। हालांकि, कुछ डील्स में देरी की आलोचना हुई, लेकिन उनकी कूटनीति ने भारत को वैश्विक व्यापार में मजबूत किया।

मुद्रास्फीति का प्रबंधन (Inflation Management)

निर्मला सीतारमण ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी नीतियां अपनाईं। कोविड-19 और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण खाद्य और ईंधन की कीमतें बढ़ीं, लेकिन उन्होंने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के साथ समन्वय कर इन्फ्लेशन को 4-6% के लक्ष्य में रखा। फूड प्राइस कंट्रोल के लिए, उन्होंने प्राइस स्टेबिलाइजेशन फंड को 10,000 करोड़ रुपये तक बढ़ाया, जिससे दाल और प्याज की कीमतें स्थिर रहीं।

पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 2022 में कटौती की, जिससे आम जनता को राहत मिली। फिस्कल डेफिसिट को 5.1% तक सीमित रखा, जिसने आर्थिक स्थिरता बनाए रखी। सप्लाई चेन सुधार के लिए लॉजिस्टिक्स नीति लागू की, जिससे खाद्य वस्तुओं की लागत 8% घटी। विपक्ष ने खाद्य मुद्रास्फीति पर सवाल उठाए, लेकिन डेटा से पता चलता है कि 2024 में खुदरा मुद्रास्फीति 5.5% थी, जो वैश्विक औसत से कम है।

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मान्यता और विरासत (Recognition and Legacy)

निर्मला सीतारमण ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त किए। फोर्ब्स ने उन्हें 2024 में दुनिया की 28वीं सबसे शक्तिशाली महिला का दर्जा दिया। वे भारत की सबसे लंबे समय तक वित्त मंत्री रहीं, जिन्होंने 8 बजट पेश किए। इकोनॉमिक टाइम्स ने उन्हें 2021 में बिजनेस रिफॉर्मर ऑफ द ईयर अवॉर्ड दिया। जेएनयू ने 2019 में डिस्टिंग्विश्ड एलुमनाई अवॉर्ड से सम्मानित किया।

उनकी विरासत भारत की आर्थिक वृद्धि और वैश्विक मंच पर बढ़ती साख है। आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया ने भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाया। महिलाओं के लिए नीतियां, जैसे मुद्रा योजना में 70% महिला लाभार्थी, उनकी समावेशी सोच को दर्शाती हैं। उनकी नीतियों ने भारत को 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का रोडमैप तैयार किया। हालांकि, बेरोजगारी और ग्रामीण संकट पर आलोचनाएं भी रहीं, लेकिन उनकी डेटा-आधारित नीतियां और पारदर्शिता उनकी विरासत को मजबूत करती हैं।

निर्मला सीतारमण के पुरस्कार

पुरस्कारवर्षसंगठन
डिस्टिंग्विश्ड एलुमनाई2019जेएनयू
बिजनेस रिफॉर्मर ऑफ द ईयर2021इकोनॉमिक टाइम्स
वर्ल्ड्स मोस्ट पावरफुल वुमन2024 (28th)फोर्ब्स

इंटरेस्टिंग फैक्ट्स (Interesting Facts)

  • बजट के लिए लाल रंग का फोल्डर इस्तेमाल करती हैं।
  • पति का परिवार कांग्रेस समर्थक, जबकि वे बीजेपी की नेता हैं।
  • लंदन में होम डेकोर सेल्सपर्सन रहीं।
  • भारत की पहली महिला जो पूर्ण बजट प्रस्तुत करती हैं।
  • तमिल साहित्य और संस्कृति की शौकीन।

निष्कर्ष

इस प्रकार निर्मला सीतारमण ने राजनीती में अपने लिए विशेष स्थान सुरक्षित किया है। वे आज भारत की वित्त मंत्री के रूप में काम कर रही हैं। कई बार उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है, विशेष रूप से बढ़ती महँगाई और बेरोजगारी की उच्च दर उनकी वित्तीय उपलब्धियों पर प्रश्नचिन्ह लगाती हैं। लेकिन नरेंद्र मोदी के समर्थन के कारण वे अपने पद पर निरन्तर बनी हुई हैं।

Santosh Kumar

My name is Dr Santosh Kumar Sain and I am a Government Teacher. I am fond of writing and through this blog I will introduce you to the biographies of famous women.

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