PM Dhan Dhanya Krashi Yojana: क्या आप जानते हैं कि भारत सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए एक नई योजना शुरू की है? पीएम धन धान्य कृषि योजना (PM Dhan-Dhanya Krishi Yojana) 2025 के केंद्रीय बजट में घोषित की गई है। यह योजना विशेष रूप से पर उन जिलों को ध्यान में रखकर लॉन्च की गई है जहां कृषि उत्पादन कम है। अगर आप किसान हैं या कृषि से जुड़े हैं, तो यह योजना आपके लिए लाभदायक साबित हो सकती है। इस लेख में हम पीएम धन धान्य कृषि योजना की पूरी जानकारी सरल हिंदी में देंगे, ताकि आप आसानी से समझ सकें।

PM Dhan Dhanya Krashi Yojana Kya hai: पीएम धन धान्य कृषि योजना क्या है?
पीएम धन धान्य कृषि योजना एक केंद्रीय योजना है जो कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में तेजी से विकास लाने के लिए बनाई गई है। इसका मुख्य उद्देश्य देश के 100 पिछड़े कृषि जिलों को चुनना और वहां किसानों की उत्पादकता, आय और जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। यह योजना 2025-26 से शुरू होकर अगले 6 साल (2031 तक) चलेगी।
यह योजना नई नहीं, बल्कि पहले से चल रही 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं को एक साथ जोड़कर लागू की जाएगी। इससे पैसे की बचत होगी और प्रभाव ज्यादा तेजी से दिखेगा। योजना का नाम “धन-धान्य” इसलिए रखा गया है क्योंकि यह किसानों को धन (आय) और धान्य (अनाज उत्पादन) दोनों बढ़ाने पर जोर देती है।
आधिकारिक वेबसाइट- पीएम धन धान्य कृषि योजना
पीएम धन धान्य कृषि योजना कब शुरू हुई
- घोषणा: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट 2025-26 में इसकी घोषणा की।
- मंजूरी: 16 जुलाई 2025 को केंद्रीय कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में योजना को हरी झंडी दिखाई गई।
- लॉन्च: योजना का औपचारिक शुभारंभ 11 अक्टूबर 2025 को नई दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) में पीएम मोदी ने किया। इस मौके पर दलहन आत्मनिर्भरता मिशन भी लॉन्च हुआ।
- प्रेरणा: यह योजना 2018 के आकांक्षी जिला कार्यक्रम से प्रेरित है, जो 112 पिछड़े जिलों में सफल रही। अब कृषि के लिए 100 जिलों पर फोकस है।
पीएम धन धान्य कृषि योजना के उद्देश्य
इस योजना के मुख्य लक्ष्य निम्नलिखित हैं:
- कृषि उत्पादकता बढ़ाना: कम उत्पादक जिलों में फसल पैदावार को दोगुना करना।
- फसल विविधीकरण: एक ही फसल पर निर्भरता कम करके विविध फसलें उगाने को प्रोत्साहन।
- टिकाऊ खेती: जलवायु-अनुकूल कृषि, जल संरक्षण और सटीक खेती को बढ़ावा।
- बाजार पहुंच: किसानों को बेहतर दाम दिलाने के लिए बाजार से जोड़ना।
- वित्तीय सहायता: छोटे और सीमांत किसानों को आसानी से ऋण, बीज, उपकरण उपलब्ध कराना।
- ग्रामीण विकास: प्रवासन रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन।
पीएम धन धान्य कृषि योजना के पात्रता और लाभार्थी कौन होंगे?

- कवरेज: योजना 100 जिलों को कवर करेगी। हर राज्य से कम से कम एक जिला चुना जाएगा। जिले कम उत्पादकता, कम फसल सघनता और कम ऋण वितरण के आधार पर चुने गए हैं।
- लाभार्थी: लगभग 1.7 करोड़ किसान सीधे लाभान्वित होंगे। मुख्य फोकस छोटे और सीमांत किसानों पर है।
- पात्रता:
- योजना के चुने गए जिलों में रहने वाले भूमि धारक किसान।
- कोई आय सीमा नहीं, लेकिन पिछड़े क्षेत्रों के किसानों को प्राथमिकता।
- e-KYC पूरा होना जरूरी (आधार से लिंक)।
पीएम धन धान्य कृषि योजना के लाभ
यह योजना किसानों को कई तरह के फायदे देगी:
- आर्थिक लाभ: बेहतर फसल से आय में 20-30% वृद्धि की उम्मीद।
- सिंचाई सुविधा: ड्रिप इरिगेशन, जल संरक्षण पर सब्सिडी।
- ऋण सुविधा: अल्पकालिक और दीर्घकालिक ऋण आसानी से उपलब्ध।
- उपकरण और बीज: आधुनिक मशीनरी, गुणवत्ता वाले बीज पर 50% तक सब्सिडी।
- भंडारण: कटाई के बाद फसल रखने के लिए गोदामों का निर्माण।
- डिजिटल सपोर्ट: बहुभाषी मोबाइल ऐप से जानकारी और निगरानी।
- महिला सशक्तिकरण: महिला किसानों को विशेष ट्रेनिंग और सहायता।
| लाभ | विवरण | अनुमानित प्रभाव |
|---|---|---|
| उत्पादकता वृद्धि | फसल विविधीकरण और सटीक खेती | 25% अधिक पैदावार |
| वित्तीय सहायता | ऋण और सब्सिडी | 1 करोड़ किसानों को ₹10,000 तक अतिरिक्त आय |
| जल संरक्षण | ड्रिप इरिगेशन | 30% पानी की बचत |
| बाजार पहुंच | FPO (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) | बेहतर दाम, 15% अधिक मुनाफा |
कार्यान्वयन कैसे होगा?
- चयन प्रक्रिया: 100 जिलों का चयन डेटा के आधार पर (उत्पादकता, ऋण, फसल विविधता)।
- जिला-स्तरीय योजना: हर जिले के लिए अलग प्रोजेक्ट, जिसमें प्रगतिशील किसान शामिल।
- समितियां: जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी समितियां। इनमें किसान प्रतिनिधि होंगे।
- भागीदारी: केंद्र के 11 विभाग, राज्य योजनाएं और निजी क्षेत्र साथ काम करेंगे।
- डिजिटल टूल: केंद्रीय डैशबोर्ड पर 117 संकेतकों से मासिक प्रगति ट्रैकिंग। किसानों के लिए ऐप उपलब्ध।
- समयसीमा: चरणबद्ध तरीके से लागू, पहला चरण 2025-26 में।
बजट और वित्तीय विवरण
- कुल बजट: 6 साल के लिए ₹1.44 लाख करोड़।
- वार्षिक खर्च: ₹24,000 करोड़ प्रति वर्ष।
- फंडिंग: केंद्र सरकार द्वारा, मौजूदा योजनाओं के पैसे का समन्वय।
- अन्य: दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के साथ ₹11,440 करोड़ का अतिरिक्त निवेश। कुल 11 अक्टूबर 2025 को लॉन्च हुए पैकेज में ₹35,440 करोड़।
आवेदन कैसे करें? (चरणबद्ध तरीके से)
पीएम धन धान्य कृषि योजना के लिए अलग से आवेदन नहीं, बल्कि मौजूदा योजनाओं से लिंक होगा। लेकिन लाभ लेने के लिए:
- e-KYC पूरा करें: pmkisan.gov.in पर जाकर आधार से वेरिफाई करें।
- जिला कार्यालय जाएं: स्थानीय कृषि विभाग या CSC सेंटर से संपर्क।
- ऑनलाइन चेक: योजना ऐप डाउनलोड करें (जल्द उपलब्ध)।
- हेल्पलाइन: 1800-11-5526 पर कॉल करें।
- दस्तावेज: आधार कार्ड, बैंक पासबुक, भूमि दस्तावेज।
नोट: योजना के जिलों में रहने वाले किसान स्वतः कवर होंगे। स्टेटस चेक के लिए pmkisan.gov.in पर जाएं।
चुनौतियां और सुझाव
- चुनौतियां: जागरूकता की कमी, डिजिटल पहुंच, मौसम प्रभाव।
- सुझाव: किसान समूह बनाएं, ट्रेनिंग लें। सरकार ग्रामीण स्तर पर कैंप लगाएगी।
निष्कर्ष: किसानों का भविष्य उज्ज्वल
पीएम धन धान्य कृषि योजना न केवल उत्पादकता बढ़ाएगी, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाएगी। 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। अगर आप इस योजना से जुड़ना चाहते हैं, तो आज ही स्थानीय कृषि अधिकारी से संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट pmindia.gov.in या pib.gov.in देखें।
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