लक्ष्मी आरती और दीपावली का महत्व: धनतेरस से भाईदूज तक का उत्सव, जोधपुर की परंपराओं के साथ

By Santosh Kumar

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Lakshmi Aarti Diwali-2025: जय माँ लक्ष्मी दोस्तों- हम सबका प्यारा दीपावली का त्योहार आ गया – रोशनी, मिठाई और खुशियों का मौसम! यह सिर्फ रौशनी का त्यौहार नहीं, बल्कि मां लक्ष्मी की आरती गाकर धन-समृद्धि मांगने का शुभ अवसर है। जोधपुर में इस बार धनतेरस और दीपावली दो-दो दिन मन रही है, और लोग खूब उत्साहित हैं! मिट्टी को सोने की तरह पूजना, खेजड़ी को लक्ष्मी मानकर घर लाना – ये परंपराएं जोधपुर की दीपावली को खास बनाती हैं। आइए, लक्ष्मी आरती और दीपोत्सव के छह दिनों की आसान कहानी जानें।

lakshmi Aarti Diwali-2025
वर्षदीपावली की तिथिदिनशुभ मुहूर्त (लक्ष्मी पूजन)
202520 अक्टूबरसोमवारशाम 7:08 बजे से 8:18 बजे तक (प्रदोष काल: 5:46 PM – 8:18 PM)
202611 नवंबरसोमवारशाम 6:45 बजे से 7:55 बजे तक (प्रदोष काल: 5:30 PM – 8:00 PM)
202731 अक्टूबरशनिवारशाम 7:15 बजे से 8:25 बजे तक (प्रदोष काल: 5:50 PM – 8:20 PM)
202820 अक्टूबरबुधवारशाम 6:55 बजे से 8:05 बजे तक (प्रदोष काल: 5:40 PM – 8:10 PM)
20298 नवंबरमंगलवारशाम 7:20 बजे से 8:30 बजे तक (प्रदोष काल: 6:00 PM – 8:30 PM)

Lakshmi Aarti Diwali-2025: लक्ष्मी आरती: धन और सुख की प्रार्थना

लक्ष्मी आरती दीपावली का सबसे खूबसूरत हिस्सा है। जब दीये जलते हैं और पूरा परिवार इकट्ठा होता है, तब “ओम जय लक्ष्मी माता” गाना हर दिल को छूता है। यह आरती मां लक्ष्मी को प्रसन्न करती है, जो धन, सौभाग्य और शांति लाती हैं।

लक्ष्मी आरती के पूरे बोल: दीपावली 2025 के लिए

लक्ष्मी आरती दीपावली और धनतेरस जैसे पवित्र अवसरों पर गाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण प्रार्थना है, जो मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने और धन, सुख, और समृद्धि का आशीर्वाद मांगने के लिए की जाती है।

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लक्ष्मी आरती के पूरे बोल

ओम जय लक्ष्मी माता ॐ जय लक्ष्मी माता, माई जय लक्ष्मी माता। तुमको निशदिन ध्यावत, हरि विष्णु विधाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता।

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग माता। सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता।

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख-सम्पत्ति दाता। जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता।

तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभदाता। कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता।

जिस घर तुम रहती, तहँ सदा सुखवास। सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता।

तुम बिन यज्ञ न होवे, वस्त्र न कोई पाता। खान-पान का वैभव, सब तुमसे ही आता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता।

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता। रत्न-चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता।

महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता। उर आनंद समाता है, पाप उतर जाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता।

स्थिर चर जग में माता, तुम ही आदि सुंदरी। तुमको जो नित ध्यावत, सुख-सौभाग्य भरी॥ ॐ जय लक्ष्मी माता।

ॐ जय लक्ष्मी माता, माई जय लक्ष्मी माता। तुमको निशदिन ध्यावत, हरि विष्णु विधाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता।


आरती गाने का तरीका

  • समय: दीपावली (20-21 अक्टूबर, 2025) और धनतेरस (18-19 अक्टूबर, 2025) की शाम को शुभ मुहूर्त में (जैसे अमृत-सिद्धि योग, 18 अक्टूबर को शाम 5:49 से सुबह 6:29 तक)।
  • तैयारी: घर के पूजा स्थल को साफ करें। मां लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर सजाएं। दीपक, फूल, मिठाई, और अगरबत्ती रखें।
  • प्रक्रिया: परिवार के साथ दीपक जलाएं, घंटी बजाएं, और पूरे मन से आरती गाएं। इसके बाद प्रसाद बांटें।
  • जोधपुर की परंपरा: धनतेरस पर मिट्टी को सोने के रूप में और खेजड़ी को लक्ष्मी मानकर पूजें, जैसे चांदपोल के गजलक्ष्मी मंदिर में होता है।

जोधपुर की खास परंपरा: मिट्टी को सोना, खेजड़ी को लक्ष्मी

जोधपुर की खास परंपरा: मिट्टी को सोना, खेजड़ी को लक्ष्मी

जोधपुर में धनतेरस ने दीपोत्सव की धूम शुरू कर दी। 18 अक्टूबर, 2025 को कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि शुरू हुई, जो 19 अक्टूबर को दोपहर 1:50 बजे तक रही। ज्योतिष अनीष व्यास के अनुसार, रविवार दोपहर 1:51 बजे से रूप चतुर्दशी शुरू हुई, और अमृत-सिद्धि योग (शाम 5:49 से सुबह 6:29) खरीदारी के लिए शुभ रहा। सोमवार को अभ्यंग स्नान का मुहूर्त सुबह 5:13 से 6:25 तक था।

चांदपोल के मां गजलक्ष्मी मंदिर में सुबह-सुबह महिलाएं और युवतियां मिट्टी को सोने के रूप में पूजने पहुंचीं। मान्यता है कि यह पूजा धन की कमी नहीं होने देती। खेजड़ी, जो राजस्थान की शान है, को लक्ष्मी का रूप मानकर महिलाएं घर ले गईं और धनतेरस पर पूजा की। अमरनाथ महादेव मंदिर में पुजारी कमलेश और अजय दवे ने छीतर के श्रीयंत्र का विशेष अनुष्ठान किया। ये परंपराएं बताती हैं कि प्रकृति और आस्था से ही सच्ची समृद्धि आती है!

लक्ष्मी की पूजा खेजड़ी के रूप में करती हुई जोधपुर की दिवाली

गणेश मंदिर में वाहन पूजन की धूम

धनतेरस पर जोधपुरवासियों ने खूब खरीदारी की। रातानाडा गणेश मंदिर में नई गाड़ियों की कतार लग गई। पुजारी प्रदीप शर्मा ने बताया कि 18 अक्टूबर को सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक 200 दुपहिया और 100 से ज्यादा चारपहिया वाहनों का पूजन हुआ। गणेश जी, जो प्रथम पूज्य हैं, उनके आशीर्वाद के लिए लोग नए वाहन लेकर मंदिर पहुंचे। यह देखकर दिल खुश हो गया! अगर आप भी गाड़ी खरीद रहे हैं, तो गणेश जी का पूजन जरूर करें।

दीपावली के छह दिन: हर दिन का अलग रंग

दीपावली 2025

इस बार दीपोत्सव छह दिन का है, और हर दिन खास है:

  • 18-19 अक्टूबर (धनतेरस): खरीदारी, मिट्टी-खेजड़ी पूजन, वाहन पूजा।
  • 20 अक्टूबर (रूप चतुर्दशी): अभ्यंग स्नान, सौंदर्य और स्वास्थ्य की पूजा।
  • 20-21 अक्टूबर (दीपावली): लक्ष्मी पूजन, दीये, मिठाई और पटाखे।
  • 22 अक्टूबर (गोवर्धन पूजा-अन्नकूट): भगवान कृष्ण की पूजा, खाने की चढ़ाई।
  • 23 अक्टूबर (भाईदूज): भाई-बहन का प्यार, राखी और आशीर्वाद।

हर दिन लक्ष्मी आरती गाएं, घर सजाएं, और परिवार के साथ खुशियां बांटें – यही दीपावली का असली मजा है!

निष्कर्ष

लक्ष्मी आरती और दीपावली हमें सिखाते हैं कि धन के साथ सुख और शांति जरूरी है। जोधपुर की परंपराएं, जैसे खेजड़ी पूजन और मिट्टी को सोना मानना, हमें प्रकृति से जोड़ती हैं। इस दीपावली, अपने घर को दीयों से सजाएं, लक्ष्मी माता की आरती गाएं, और अपनों के साथ समय बिताएं। मां लक्ष्मी सबके घर सौभाग्य लाएं! शुभ दीपावली!

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

लक्ष्मी आरती दीपावली 2025 कब और कैसे करें?

लक्ष्मी आरती दीपावली 2025 की शाम को, 20-21 अक्टूबर को करें। सुबह-शाम पूजा का शुभ मुहूर्त देखें। घर को साफ करें, दीपक जलाएं, मां लक्ष्मी की मूर्ति सजाएं, और “ओम जय लक्ष्मी माता” गाकर आरती करें। परिवार के साथ गाएं, प्रसाद बांटें – इससे घर में सकारात्मकता आएगी!

धनतेरस 2025 जोधपुर में कब से शुरू हुआ?

धनतेरस 2025 जोधपुर में आज, 19 अक्टूबर से शुरू हुआ। कल, 18 अक्टूबर को त्रयोदशी तिथि शुरू हुई, जो आज दोपहर 1:50 बजे तक रहेगी। लोग मिट्टी को सोना मानकर और खेजड़ी को लक्ष्मी रूप में पूज रहे हैं, खासकर मां गजलक्ष्मी मंदिर में।

खेजड़ी पूजन की परंपरा क्या है?

खेजड़ी पूजन जोधपुर की खास दीपावली परंपरा है। मान्यता है कि खेजड़ी पेड़ को घर लाकर और उसकी पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। आज सुबह महिलाओं ने मां गजलक्ष्मी मंदिर में मिट्टी और खेजड़ी की पूजा की, जो धन-समृद्धि लाता है।

दीपावली परंपराएं 2025 में क्या खास होंगी?

इस बार दीपावली परंपराएं 2025 में दो दिनों तक (20-21 अक्टूबर) मनाई जाएंगी। धनतेरस (18-19 अक्टूबर), रूप चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा (22 अक्टूबर), और भाईदूज (23 अक्टूबर) शामिल हैं। दीये जलाना, लक्ष्मी आरती, और पटाखे छोड़ना बच्चों के लिए खास होगा!

बच्चों के लिए दीपावली में सावधानी क्या हो?

बच्चों को पटाखे खेलने देते समय सावधानी जरूरी है। उन्हें वयस्कों की देखरेख में पटाखे चलाने दें। आंखों और हाथों की सुरक्षा के लिए चश्मा और दस्ताने पहनाएं। आज जोधपुर में बच्चे पटाखों के साथ खेल रहे हैं, लेकिन सुरक्षा पहले!

लक्ष्मी और गणेश की पूजा एक साथ क्यों करते हैं?

लक्ष्मी और गणेश की पूजा दीपावली पर एक साथ की जाती है क्योंकि गणेश जी विघ्नहर्ता हैं और लक्ष्मी जी समृद्धि देती हैं। 20 अक्टूबर को इनकी मूर्तियां सजाएं, दोनों की आरती करें – इससे घर में सुख और समृद्धि आती है।

धनतेरस पर वाहन पूजन का समय क्या है?

धनतेरस पर वाहन पूजन आज, 19 अक्टूबर को सुबह से शाम तक हो रहा है। जोधपुर के रातानाडा गणेश मंदिर में सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक 200 दुपहिया और 100 चारपहिया वाहनों का पूजन हुआ। शुभ मुहूर्त में गणेश जी का आशीर्वाद लें।

दीपावली 2025 के लिए शुभ मुहूर्त क्या है?

दीपावली 2025 के लिए शुभ मुहूर्त 20 अक्टूबर को शाम 6:30 से 8:00 बजे तक रहेगा (लगभग, स्थानीय पंचांग से पुष्टि करें)। लक्ष्मी पूजन और आरती इसी समय करें। आज धनतेरस का अमृत-सिद्धि योग (5:49 PM से 6:29 AM) खरीदारी के लिए शुभ है।

खेजड़ी और मिट्टी की पूजा कैसे करें?

मिट्टी को सोने की तरह छोटी मूर्ति बनाएं या थाली में रखें। खेजड़ी की टहनी लाएं, उसे साफ करें, और फूल-रोली से पूजा करें। “ओम जय लक्ष्मी माता” गाएं और प्रार्थना करें कि घर में धन आए। जोधपुर में महिलाएं इसे मंदिर में करती हैं।

दीपावली पर परिवार के साथ क्या करें?

दीपावली पर घर सजाएं, दीये जलाएं, और लक्ष्मी आरती गाएं। बच्चों के साथ पटाखे चलाएं, लेकिन सुरक्षित रहें। मिठाई और उपहार बांटें, और रात को परिवार के साथ भोजन करें। यह प्यार और एकता का त्योहार है!

स्रोत: दैनिक भास्कर की रिपोर्ट से प्रेरित, लेकिन पूरी तरह मूल।
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Santosh Kumar

My name is Dr Santosh Kumar Sain and I am a Government Teacher. I am fond of writing and through this blog I will introduce you to the biographies of famous women.

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