राणा अय्यूब एक भारतीय पत्रकार हैं। दिल्ली की एक अदालत ने अय्यूब के खिलाफ हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान करने और सोशल मीडिया पर भारत विरोधी भड़काने को लेकर एफआईआर ( FIR ) दर्ज करने के आदेश दिए हैं। आइये जानते हैं राणा अय्यूब कौन हैं? उनका धर्म क्या है? उनके पति और परिवार के बारे में पूरी जानकारी Rana Ayyub Journalist हिंदी ब्लॉग के माध्यम से साझा की जाएगी।

Rana Ayyub: राणा अय्यूब चर्चा में क्यों हैं?
मशहूर पत्रकार और कई किताबों की लेखिका राणा अय्यूब के विरुद्ध दिल्ली की एक अदालत में एफआईआर करने का आदेश दिया है। अय्यूब के खिलाफ एक वकील द्वारा शिकायत की गई कि अय्यूब ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स ( X पूर्व में ट्विटर ) पर हिन्दू देवी – देवताओं का अपमान किया है और भारत विरोधी भावनाओं को हवा दी है।
किन धाराओं में मुक़दमा दर्ज करने के आदेश हुए है?
अय्यूब पर साकेत कोर्ट के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ( Judicial Magistrate ) हिमांशु रमन सिंह ने अपने आदेश में कहा कि “प्रथम दृष्टया” अय्यूब के विरुद्ध धारा 153 ए ( विभिन्न समूहों के बीच नफरत को बढ़ावा देना ), 295 ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य जिसका उद्देश्य किसी को हानि पहुंचाना है) के तहत दंडनीय अपराध निर्धारित होता है।
पूरा नाम | राणा अय्यूब |
जन्मतिथि | 1 मई, 1984 |
जन्मस्थान | मुंबई, भारत |
आयु ( 2025 में ) | 40 वर्ष |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शिक्षा | मुंबई विश्वविद्यालय, से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिल्ली से पत्रकरिता की डिग्री |
नागरिकता | भारतीय |
धर्म | इस्लाम |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
करियर की शुरुआत | तहलका पत्रिका में खोजी पत्रकार के रूप में |
प्रसिद्ध पुस्तक | “गुजरात फाइल्स: एनाटॉमी ऑफ ए कवर-अप” |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
कुल संपत्ति | $2 मिलियन (अनुमानित) |
मुख्य उपलब्धियाँ | अंतर्राष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता पुरस्कार |
कौन हैं राणा अय्यूब ?
राणा अय्यूब का जन्म एक मुस्लिम परिवार में 1 मई 1984 को हुआ था। उनके पिता का नाम मोहम्मद अय्यूब वाकिफ है। अय्यूब के पिता मुंबई से निकलने वाली पत्रिका ब्लिट्ज़ के लेखक के साथ प्रगतिशील लेखक आंदोलन के सदस्य थे। राणा के चाचा अब्दुल हक आज़मी जो हदीस के विद्वान और दारुल उलूम देवबंद में प्रोफेसर थे। अय्यूब की एक बहन इफ़्फ़त शेख और एक भाई आरिफ अय्यूब है।
राणा अय्यूब को बचपन में पोलियो हो गया था
राणा अय्यूब जब पांच साल को थी तब वे पोलियो का शिकार हो गई और उनका बायाँ हाथ और दायाँ पैर ने काम करना बंद कर दिया। लेकिन परिवार और चिकत्सकीय देखभाल से वे इससे उबरने में सफल रही।
मुंबई दंगों के समय सिख परिवार ने बचाई जान
1992-93 के मुंबई दंगों के दौरान अय्यूब का परिवार बमुश्किल बच पाया था। उनके परिवार की जान बचाने में एक सिख मदगार बना और उसने अय्यूब के पिता को पहले ही बता दिया था कि उनकी बेटियों को स्थानीय लोग मार सकते है। उस समय 9 वर्ष की राणा अय्यूब अपनी बहन के साथ भागकर अपनी पहचान वाले सिख के घर चली गई और तीन महीने वहीँ गुजारे।
इस घटना बाद अय्यूब मुस्लिम आबादी वाले उपनगर देवनार में अपने परिवार से मिलने चली गईं, उनका पला – पोषण वहीँ हुआ, अय्यूब एक धार्मिक मुस्लिम हैं। अय्यूब को मोदी सरकार का कट्टर आलोचक माना जाता है और वे अक्सर सरकार के निशाने पर रहती हैं। ऐसे में उनके खिलाफ होने वाली कार्यवाही को राजनीतिक दृष्टि से ही देखा जायेगा।
राणा अय्यूब की शिक्षा
राणा अय्यूब ने अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद सोफिया कॉलेज मुंबई से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद अय्यूब ने दिल्ली का रूख किया और जामिया मिलिया इस्लामिया से सामाजिक जनसम्पर्क और मीडिया में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री हासिल की। दिल्ली में रहकर अय्यूब ने अपने दृष्टिकोण को निखारा। उन्होंने जाना कि कैसे मीडिया समाज और राजनीति को प्रभावित करता है।

राणा अय्यूब का परिवार
राणा अय्यूब के पिता का नाम मोहम्मद अय्यूब वाकिफ है और वे एक लेखक हैं। उनकी माता के विषय में हमारे पास जानकारी उपलभ्ध नहीं है। इसका आलावा अय्यूब की एक बहन बहन इफ़्फ़त शेख और एक भाई आरिफ अय्यूब है। राणा ने विवाह नहीं किया है और वे अविवाहित हैं।
पिता | मोहम्मद अय्यूब वाकिफ |
माँ | नाम ज्ञात नहीं |
भाई | आरिफ अय्यूब |
बहन | इफ्फत शेख |
धर्म | इस्लाम |
शौक | यात्रा करना, पढ़ना, संगीत सुनना |
राणा अय्यूब का करियर
राणा अय्यूब ने अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत अपने समय की प्रमुख खोजी और राजनीतिक पत्रिका “तहलका” से की। अय्यूब ने एक निजी रिपोर्ट के माध्यम से 2010 में आजके गृह मंत्री ( अमित शाह ) और प्रधानमंत्री ( नरेंद्र मोदी ) को कुछ दिन के लिए जेल में पंहुचा दिया था उनकी इस खोजी रिपोर्ट का जिक्र उनकी किताब “गुजरात फाइल्स” में किया है। यह एक स्टिंग ओप्रशन था।
तहलका पत्रिका में बतौर खोजी पत्रकार काम करने वाली अय्यूब ने तहलका के संपादक और मुख्य शरधारक तेजपाल पर 2013 में अपनी सहकर्मी के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप के बाद इस्तीफा दे दिया और अब वे स्वतंत्र पत्रकार के रूप में काम करती हैं।
अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता
राणा अय्यूब ने 2019 में वाशिंगटन पोस्ट के लिए बतौर सलाहकार के रूप में लेखन कार्य किया। वाशिंगटन पोस्ट ने उन्हें ग्लोबल रायटर के रूप में नामित किया।
राणा अय्यूब का धर्म
राणा अय्यूब एक प्रगतिशील इस्लाम को मानने वाली महिला हैं। वे इस्लाम के नियमों का पालन करती हैं।

राणा अय्यूब के पति का नाम
राणा अय्यूब के वैवाहिक संबंध के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। सम्भवतः वे अविवाहित हैं।
राणा अय्यूब की शारीरिक संरचना
लंबाई (लगभग) | सेंटीमीटर में – 168 सेमी |
मीटर में – 1.68 मीटर | |
फीट-इंच में – 5’ 6” | |
वज़न (लगभग) | किलोग्राम में – 60 किग्रा |
पाउंड में – 132 पाउंड | |
बालों का रंग | काला |
आँखों का रंग | काला |
राणा अय्यूब की नेट वर्थ
2025 तक, राणा अय्यूब की अनुमानित कुल सम्पत्ति $2 मिलियन है। उनकी आमदनी के मुख्य स्रोत पुस्तक रॉयल्टी, भाषण कार्यक्रम और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया आउटलेट्स में उनका योगदान शामिल है। जबकि वह एक साधारण जीवनशैली जीती हैं।
राणा अय्यूब इंस्टाग्राम
राणा अय्यूब इंस्टाग्राम के साथ ट्विटर ( अब X ) पर भी सक्रीय हैं। इंस्टाग्राम की बात करें तो वहां अय्यूब के 421K followers हैं और उनकी आईडी- ranaayyub ( https://www.instagram.com/ranaayyub/?hl=en ) है।
राणा अय्यूब के पुरस्कार और सम्मान
पुरस्कार और मान्यता | विवरण |
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अक्टूबर 2011 | राणा अय्यूब को पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए संस्कृती पुरस्कार से सम्मानित किया गया। |
2017 | ग्लोबल शाइनिंग लाइट अवार्ड के संस्करण में “Citation of Excellence” उनके 2002 गुजरात दंगों की जाँच पर आधारित स्टिंग ऑपरेशन के लिए दिया गया। |
2016 | अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने फिल्म चॉक एन डस्टर में राणा अय्यूब से प्रेरणा लेने की बात कही, जिसमें उन्होंने एक पत्रकार की भूमिका निभाई। |
2018 | फ्री प्रेस अनलिमिटेड ने राणा अय्यूब को “मोस्ट रेजिलिएंट जर्नलिस्ट अवार्ड” से सम्मानित किया। यह पुरस्कार उन्हें ऑनलाइन और ऑफलाइन उत्पीड़न और जान से मारने की धमकियों के बावजूद उनके काम के लिए दिया गया। |
2019 | टाइम पत्रिका ने राणा अय्यूब को उन दस वैश्विक पत्रकारों में सूचीबद्ध किया जो सबसे अधिक अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। |
फरवरी 2020 | यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया के ग्रैडी कॉलेज ने राणा अय्यूब को पत्रकारिता में साहस के लिए “McGill Medal” से सम्मानित किया। |
2020 | राणा अय्यूब को अमेरिका की मुस्लिम पब्लिक अफेयर्स काउंसिल द्वारा “वॉयसेस ऑफ करेज एंड कॉन्शेंस अवार्ड” प्रदान किया गया। |
2021 | टेक्सास टेक यूनिवर्सिटी के मीडिया और कम्युनिकेशन कॉलेज द्वारा “Excellence in International Journalism and Human Rights Award” से सम्मानित किया गया। |
2021 | वाशिंगटन पोस्ट में उनके ओप-एड्स के लिए “Overseas Press Club Award” से सम्मानित किया गया। |
28 जून 2022 | राणा अय्यूब को नेशनल प्रेस क्लब द्वारा “International John Aubuchon Award” प्रदान किया गया। |
23 अक्टूबर 2024 | राणा अय्यूब को “कनाडियन जर्नलिस्ट्स फॉर फ्री एक्सप्रेशन (CJFE) इंटरनेशनल प्रेस फ्रीडम अवार्ड” से सम्मानित किया गया। |
राणा अय्यूब के विवाद
निरंतर मोदी सरकार की आलोचना करना राणा अय्यूब को भारी पड़ा और फरवरी 2022 में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी ₹1.77 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त करने के बाद उनकी जाँच की गई और उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले का दोषी बताया गया और उन्हें चैरिटी के नाम पर जनता से प्राप्त धन को गबन करने का दोषी पाया। लेकिन अंतररष्ट्रीय दबाव के कारण सरकार को राणा के खतों को मुक्त करना पड़ा और उनके दोष मुक्त घोषित किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में निरंतर मोदी सरकार के कार्यों की आलोचना करने के कारण अय्यूब को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। इसी तरह अक्टूबर 2020 में, हार्पर कॉलिन्स इंडिया ने अभिनेता गजेंद्र चौहान की नियुक्ति फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति का विरोध किया। अय्यूब ने एक खुला पत्र प्रकाशित किया, जो इंकलाब: ए डिकेड ऑफ प्रोटेस्ट पुस्तक का हिस्सा था, जिसमें भाषण, व्याख्यान और पत्र शामिल हैं, जो “पिछले दस वर्षों की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं और मुद्दों को उजागर करते हैं।
राणा अय्यूब और मोदी सरकार का छत्तीस का आंकड़ा बहुत पुराना है और इसके पीछे 2010 में राणा अय्यूब द्वारा किया गया वह स्टिंग ओप्रशन है जिसके कारण मोदी और शाह को कुछ महीने जेल में गुजरने पड़े।